किसानों के आंदोलन पर सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा। कैप्टन की तरफ से उपवास को नौटंकी कहने पर केजरीवाल ने ट्वीट किया कि ‘कैप्टन जी, मैं शुरू से किसानों के साथ खड़ा हूं। दिल्ली के स्टेडियम को जेल नहीं बनने दी, केंद्र से लड़ा। मैं किसानों का सेवादार बनके उनकी सेवा कर रहा हूं। आपने तो अपने बेटे के ईडी केस माफ करवाने के लिए केंद्र से सेटिंग कर ली, किसानों का आंदोलन बेच दिया? क्यों?’
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दरअसल रविवार को अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सोमवार को मैं भी किसानों के समर्थन में एक दिन का उपवास करूंगा। केजरीवाल ने कहा था कि पिछले कुछ दिन से भाजपा के मंत्री और नेता किसानों को देशद्रोही बताकर उनके आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, यह बयान देश के अन्नदाता का अपमान है।
इसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे झूठे व्यक्ति हैं। किसानों का समर्थन हासिल करने के लिए वे ऐसी झूठी अफवाह फैलाकर किसानों के हितैषी बनने की कोशिश कर रहे हैं।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार कॉरपोरेट घरानों का सहारा ले रही है। केजरीवाल सरकार एक कॉरपोरेट घराने द्वारा चलाई जा रही कंपनी बीएसईएस के अधीन दिल्ली में बिजली क्षेत्र में किए सुधारों को सबसे बड़ी उपलब्धि बताने का ढोल बजा रही है।
दूसरी तरफ पंजाब सरकार ने न तो किसी कॉरपोरेट घराने के साथ समझौता किया है और न ही राज्य में बिजली की खरीद के लिए प्राइवेट कंपनियों की बोली संबंधी कोई फैसला किया है। असली तथ्य यह है कि केजरीवाल सरकार ने 23 नवंबर को उस समय पर कृषि कानूनों में से एक कानून बेशर्मी के साथ नोटीफाई कर दिया जब किसान इन कानूनों के खिलाफ दिल्ली की तरफ कूच करने की तैयारियां कर रहे थे।
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि अब केजरीवाल सोमवार से किसानों की भूख हड़ताल के समर्थन में उपवास का एलान करके नौटंकी कर रहे हैं। कैप्टन ने केजरीवाल से कहा कि जब हमारे किसान आपके शहर की सड़कों पर बहादुरी के साथ ठंड का सामना कर रहे हों तो आप इस मौके को अपने राजनीतिक हितों के लिए बरतने संबंधी किस तरह सोच सकते हो।