कैथल में महिला कंडक्टरों के पास नहीं मिला लाइसैंस

स्कूल बसों को लेकर आर.टी.ए. विभाग की रहनुमाई में एक संयुक्त टीम की ओर से सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी अभियान लगभग एक सप्ताह तक चलाया गया। इस अभियान के तहत जिलेभर के स्कूल की बसों को संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों की कमेटी ने निर्धारित जगह बुलाकर चैक किया। अभियान में पूरे जिले की लगभग 657 बसों को चैक किया, जिनमें से लगभग 154 के आसपास बसों में खामियां मिली। अधिकतर बसों में महिला परिचालक के पास कंडक्टर लाइसैंस उपलब्ध नहीं था।

हैरान करने वाली बात तो यह थी कि बसों में स्पीड गवर्नर लगे हुए मिले, लेकिन अधिकतर बसों के चल नहीं रहे थे। कई बसों के सी.सी.टी.वी. कैमरों में भी दिक्कत थी। अधिकतर कैमरों पर धूल जमा थी, जिस कारण कैमरों की एल.ई.डी. में साफ फोटो दिखाई नहीं दे रहे थे। फर्स्ट बॉक्स से लेकर, स्टीकर, शीशों सहित व बसों में लगे जी.पी.एस. सिस्टम ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे थे। टीम को चैकिंग दौरान काफी खामियां मिली है।

विदित रहे कि 9 दिसम्बर को यह अभियान डी.सी. के आदेश पर शुरू किया गया था ताकि धुंध के समय से पहले बसों की फिटनेस को जांचा जाए। अगर बसों में फिटनेस होगी तो हादसे कम होने का खतरा रहेगा। बच्चों को भी सफर में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी। टीम में मोटर व्हीकल इंस्पैक्टर अनिल सैनी, मकैनिक रोडवेज गुरजंट सिंह, ए.एस.आई. पुलिस विभाग, एजुकेशन डिपार्टमैंट से संबंधित एस.डी.एम. की टीम का सदस्य को रखा गया था।

एक सप्ताह में खामियां नहीं करवाई दूर तो होंगे चालान
टीम की ओर से खामियां मिलने वाले स्कूलों को नोटिस भेजा गया है। एक सप्ताह में बसों की कमियां दूर कर दोबारा कमेटी के समक्ष जांच करवानी होगी। अगर एक सप्ताह में भी खामियां दूर नहीं हुई तो टीम द्वारा अभियान चलाकर रूटों पर स्कूल बसों के चालान किए जाएंगे।

यहां-यहां इतनी बसों की हुई चैकिंग
बता दें कि कैथल की अतिरिक्त अनाज मंडी में 238, कलायत में 45, सीवन में 63, राजौंद में 51, गुहला अनाज मंडी में 117 व पूंडरी अनाज मंडी में 143 बसों को चैक किया गया है। सुबह 10 से लेकर दोपहर 12 बजे तक जांच की गई। 157 बसों की चैकिंग की गई है।

ये किए गए है मानक निर्धारित
सुरक्षित स्कूल वाहन पाॅलिसी के तहत मानक निर्धारित किए गए हैं। इसके तहत स्कूल बस में लेडी अटेंडैंट का होना अनिवार्य है। वह और चालक दोनों वर्दी में होने चाहिए। गले में आई कार्ड होना चाहिए। चालक के पास 5 वर्ष पुराना ड्राइविंग लाइसैंस होना चाहिए। इसके साथ ही स्कूल बस के अंदर जी.पी.एस. अनिवार्य है। स्पीड गवर्नर, सी.सी.टी.वी. कैमरा, फायर एग्जीक्यूशन, चालक की पुलिस वैरिफिकेशन, फर्स्ट एड बाॅक्स होना अनिवार्य है। आर.टी.ए. से अनुमति प्राप्त रूट मैप होना चाहिए। स्कूल बस का इंश्योरैंस, प्रदूषण, फिटनेस पूरी होनी चाहिए। कैमरा की रिकॉर्डिंग 15 दिन की बस के अंदर व 3 माह की स्कूल प्रशासन के पास होनी चाहिए। बस पर पीला रंग होना चाहिए। स्कूल का पीछे नंबर होना भी जरूरी है।

समय-समय पर बसों की हो जांच : सुनील
अभिभावक सुनील ने बताया कि समय-समय पर स्कूलों बसों की फिटनेस को जांचा जाना चाहिए। क्योंकि कई स्कूल संचालक फिटनेस पर ध्यान नहीं देते है। अभिभावक अच्छा स्कूलों को बसों का किराया देते है, लेकिन सुविधा नाम मात्र होती है।

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