केन्द्र सरकार ने किन्नरों के दर्द को समझते हुए उनके साथ न्याय और सही दिशा में कदम उठाने का मन बनाया है। किन्नरों को रोजगार और उन्हें महिला या पुरुष बनाने के बारे में भी सोच रही है। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि यह मुद्दा उनकी भी प्राथमिकता में है। कटारिया ने कहा कि यह अभी विचार के स्तर पर है और जल्द ही इसे योजनागत रूप दिया जाएगा।
मीडिया से बातचीत में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार इसके अंतर्गत उन ट्रांसजेंडरों (किन्नरों) को आर्थिक सहायता देने पर विचार कर रही है, जो सर्जरी के माध्यम से अपना लिंग परिवर्तन कराकर महिला या पुरुष बनना चाहते हैं। इनमें बहुत से लोग इस तरह के हैं जिनमें महिला या पुरुष के लक्षण प्रभावी रूप में है।
इन लोगों में सर्जरी के माध्यम से महिला या पुरुष बनने की संभावना रहती है। केन्द्र सरकार चाहती है कि जो युवा अपना लिंग परिवर्तन कराना चाहते हैं, उन्हें सहायता दी जाय। इसके लिए मंत्रालय योजना को मूर्त रूप देने में लगा हुआ। इस योजना के अमल में आने के बाद न केवल तमाम ट्रांसजेंडर महिला या पुरुष बन सकेंगे, बल्कि उनके जीवन में भी गुणवत्ता पूर्ण सुधार संभव है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री ने कहा कि किन्नरों को भी रोजगार मिलना चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने भी इस बारे में दिशा-निर्देश दिए हैं। केन्द्र सरकार भी चाहती है कि इन्हें पिछड़े वर्ग के लोगों की तरह रोजगार देने में सहूलियत दी जाए। रतन लाल कटारिया ने कहा कि यह मामला पिछड़ा वर्ग आयोग के पास है। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद इसका रास्ता साफ हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार किन्नरों को भीख मांगने, शोषण जैसी स्थिति से बचाने, सम्मानजनक सामान्य जीवन देने के बारे में कई योजना चला रही हैं। किन्नरों को प्रमाण पत्र देकर प्रमाणित किया जा रहा है। इन्हें भीख मांगने जैसी स्थितियों से बचाने की कोशिश हो रही है।