केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जल्द ही 8 वें वेतन आयोग के सदस्यों का गठन किया जाएगा। इस नए वेतन आयोग के लिए सदस्यों का गठन अप्रैल 2025 को होगा। ये आयोग केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में मिलने वाले भत्तों को लेकर फैसले ले सकता है।
मीडिया रिपोर्ट की माने तो ये नया वेतन आयोग महंगाई भत्ता को जीरो कर सकता है। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं की गई है। मौजूदा समय में, केंद्रीय कर्मचारियों को बेसिक सैलरी का 53 फीसदी डीए के रूप में मिलता है।
भत्तों को लेकर होंगे ये बदलाव
इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक 8 वें वेतन आयोग में महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) को लेकर बड़ा फैसला हो सकता है। ऐसा कहा जा रहा है कि महंगाई भत्ता जीरो होने वाला है। मौजूदा समय में सरकार एक साल में दो बार महंगाई भत्ता बढ़ाती है। ये महंगाई भत्ता लगभग 3 से 4 फीसदी तक बढ़ाया जाता है।
8 वें वेतन आयोग की सिफारिश कब लागू होगी
इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक 8 वें वेतन आयोग द्वारा लिए गए सिफारिशें जनवरी 2026 तक लागू हो सकती है। इन सिफारिशों के तहत डीए शून्य किया जा सकता है। इसके अलावा केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में मिलने वाले कई भत्तों को लेकर बदलाव किया जा सकता है।
What is DA: क्या होता है महंगाई भत्ता ?
केंद्रीय कर्मचारियों को अभी बेसिक सैलरी का 53 फीसदी महंगाई भत्ता के रूप में मिलता है। सरल शब्दों में कहा जाए तो डीए कर्मचारियों को बेसिक सैलरी के साथ मिलने वाली अतिरिक्त राशि है। इसकी कैलकुलेशन अभी बेसिक सैलरी पर होती है।
केंद्रीय कर्मचारियों को ये भत्ता बढ़ती महंगाई के कारण दिया जाता है, ताकि उन पर महंगाई का कम असर पड़े।
एक ऐसा समय जब नहीं मिला कोई महंगाई भत्ता
इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक कोविड-19 के समय केंद्रीय सरकार ने सभी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता रोक दिया था। सरकार ने जनवरी 2020 से जून 2021 तक 18 महीनों तक केंद्रीय कर्मचारियों को कोई भी महंगाई भत्ता नहीं दिया था।
तभी से ही कर्मचारी इस पीरियड के एरियर की मांग कर रहे हैं। सरकार हर साल में दो बार महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी करती है. ये बढ़ोतरी एक बार जनवरी से जून के लिए और दूसरी बार जुलाई से दिसंबर के लिए की जाती है।
इसके अलावा ये भी देखा गया है कि जनवरी से जून में आने वाले महंगाई भत्ते की घोषणा मार्च में की जाती है। वहीं जुलाई से दिसंबर के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की घोषणा, जुलाई से दिसंबर में होती है।केंद्रीय कर्मचारियों को ये भत्ता बढ़ती महंगाई के कारण दिया जाता है, ताकि उन पर महंगाई का कम असर पड़े।