छत्तीसगढ़ में तैनात सीआरपीएफ की 219वीं बटालियन के एक जवान के सेंपल लेकर जांच के लिए मुंबई भेजा गया है। तब तक सिपाही को आइसोलेशन वार्ड में भेज दिया गया है। उसके आसपास की सभी बैरकों में जवानों की जांच शुरू कर दी गई है।
वह जवान 10 मार्च को जब अपनी ड्यूटी पर वापस आया, तो शाम को उसे बुखार और खांसी की शिकायत हुई। सुकमा से बुलाए गए डॉक्टरों ने उसकी जांच की। वह सिपाही तीस दिन की छुटी ‘ईएल’ लेकर अलेप्पी गया हुआ था।
हालांकि अलेप्पी के जिला अस्पताल में सीधे तौर पर सीआरपीएफ के सिपाही और इटली के तीन नागरिकों के बीच कोई मुलाकात नहीं हुई, लेकिन उनका आइसोलेशन वार्ड बिल्कुल निकट ही था।
अपनी मां के इलाज के चलते सिपाही को काफी देर तक उस अस्पताल में रहना पड़ा। शाम को उसे खुद की तबियत खराब होने का अंदेशा हुआ, लेकिन उसने सामान्य थकान जैसा कुछ मानकर घरेलू इलाज कर लिया। 10 मार्च को वह अपनी बटालियन में पहुंच गया। वहां रात को उसे तेज बुखार के साथ खांसी भी आती रही।
बटालियन के मेडिकल अफसर ने उसकी जांच कर सुकमा जिले के सीएमओ को मामले की जानकारी दी। शाम को सिपाही के खून के नमूने ले लिए गए। सीआरपीएफ का कहना है कि अभी इसे कोरोनावायरस का पॉजिटिव केस नहीं माना जा सकता। अभी जांच रिपोर्ट आनी है। उसके बाद ही कुछ पक्के तौर कहा जा सकता है।
उस सिपाही के आसपास रहने वाले सभी लोगों के सेंपल लिए जा रहे हैं। इसके बाद बटालियन में यह आदेश जारी कर दिया गया कि छुट्टी या कहीं बाहर से लौटने वाले सभी जवानों को पहले आइसोलेशन वार्ड में रहना होगा। जब डॉक्टर उन्हें क्लीन चिट देंगे, तो ही वे दूसरे जवानों के बीच आएंगे।