बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि किसानों के भविष्य का फैसला किसानों से बात करके होना चाहिए।उन्होंने ट्वीट कर कहा कि बसपा ने यूपी में अपनी सरकार के दौरान कृषि से जुड़े अनेक मामलों में किसानों की कई पंचायतें बुलाकर उनसे समुचित विचार-विमर्श करने के बाद ही फैसले लिए थे। यदि केंद्र सरकार भी किसानों को विश्वास में लेकर ही निर्णय लेती तो यह बेहतर होता।

बता दें कि पिछले रविवार को संसद के उच्च सदन में कृषि संबंधी अध्यादेशों के पास होने के बाद देश भर के किसानों में उबाल है। हरियाणा व पंजाब विरोध का केंद्र बन गए हैं।
वहीं, जिस तरह सदन में ये अध्यादेश पास हुए उस पर भी विवाद हो रहा है।इसके पहले मायावती ने कृषि अध्यादेशों को पास करने के दौरान विपक्षी सांसदों द्वारा किए गए व्यवहार पर टिप्पणी की थी।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वैसे तो संसद लोकतंत्र का मंदिर ही कहलाता है फिर भी इसकी मर्यादा अनेकों बार तार-तार हुई है। वर्तमान संसद सत्र के दौरान भी सदन में सरकार की कार्यशैली व विपक्ष का जो व्यवहार देखने को मिला है वह संसद की मर्यादा, संविधान की गरिमा व लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला है। यह अति-दुःखद है।
बता दें कि संसद के उच्च सदन में सांसदों ने सभापति का माइक तोड़ दिया और उनसे अभद्रता की थी जिस पर आठ सांसदों को सदन के निलंबित कर दिया गया। निलंबन के बाद सांसद रात भर धरने पर बैठे रहे।
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