नई दिल्ली। अगस्ता वेस्टलैंड स्कैम मामले में बैकफुट पर रही कांग्रेस ने आक्रामक अंदाज में जवाब देने का फैसला किया है। केंद्र सरकार के खिलाफ निकाले जाने वाले मार्च को कांग्रेस ने लोकतंत्र बचाओ नाम दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में जंतर मंतर से संसद तक मार्च निकाला जाएगा।
कांग्रेस ने उत्तराखंड के राजनीतिक संकट, सूखे के हालात और विपक्ष के खिलाफ चलाए जा रहे ‘छल-कपट अभियान को भी उजागर करने का फैसला किया है। ताकि जनता के सामने केंद्र सरकार के दुष्प्रचार अभियान का जवाब दे सके। मार्च के अंत में संसद का घेराव किया जाएगा।
अगस्ता मुद्दे पर कांग्रेस बुरी तरह घिरी हुई है। बुधवार को राज्यसभा में रक्षा मंत्री ने कहा था कि सरकार इस मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है। किसी के साथ दुर्भावना के साथ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। लेकिन जिन लोगों के नाम का जिक्र इटली की कोर्ट में हुआ है। उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में आज रक्षामंत्री पर्रिकर लोकसभा में जवाब देने वाले हैं। कांग्रेस के अभियान के खिलाफ भाजपा ने भी मार्च निकालने का भी फैसला किया है।
राज्यसभा में कल अगस्ता मामले में एक बिचौलिये मिशेल के बयान पर जमकर हंगामा हुआ था। मिशेल ने कहा था कि सौदे मेें अधिकारियों तक दलाली की रकम पहुंचायी गयी थी। लेकिन नेताओं का नाम शामिल करने के लिए उस पर दबाव बनाया गया था। मिशेल के इस बयान के बाद कांग्रेस सांसदों ने कहा कि अब ये बात साफ है कि केंद्र की मोदी सरकार पार्टी की प्रतिष्ठा पर चोट पहुंचाना चाहती है। कांग्रेस ने कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड में टेंडर में शामिल सभी शर्तों के मुताबिक फैसला किया गया था।