सुप्रीम कोर्ट ने जातिगत आरक्षण के मामले में अपना फैसला सुनाया। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि कोटा पॉलिसी का मतलब योग्यता को नकारना नहीं है।

इसका मकसद मेधावी उम्मीदवारों को नौकरी के अवसरों से वंचित रखने का उद्देश्य नहीं है, भले ही वे आरक्षित श्रेणी से ताल्लुक रखते हों।
न्यायमूर्ति उदय ललित की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने आरक्षण के फायदे को लेकर दायर याचिका पर अपना फैसला सुनाया।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि भरने के लिए आवेदकों की जाति की बजाय उनकी योग्यता पर ध्यान देना चाहिए और मेधावी उम्मीदवारों की मदद करनी चाहिए। साथ ही, किसी भी प्रतियोगिता में आवेदकों का चयन पूरी तरह योग्यता के आधार पर होना चाहिए।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal