कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने शुक्रवार को देश के संदर्भ में बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि अब तक भारत नियम बनाने वाले के बजाय नियम को स्वीकारने वाले देश की भूमिका में ज्यादा रहा है।

भारत अगर दुनिया का विश्वास जीतना चाहता है तो उसे अर्थव्यवस्था समेत अपने घरेलू मुद्दों को जल्द से जल्द सुलझाना होगा।
पूर्व विदेश राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि हमने हमेशा से कहा है कि किसी भी देश की अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता उसके घरेलू हालत का प्रतिबिंब होती है और अपने घर में उसकी सफलता ही इस बात की सबसे बड़ी गारंटी होती है कि ‘हमारा विदेश में सम्मान हो तथा हम प्रभावशाली भी हों।
थरूर ने पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया के कार्यक्रम में कहा कि यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम घरेलू स्तर पर कुछ बहुत बुरे दौर से गुजर रहे हैं जहां सामाजिक एजुटता भंग हुई है, कोरोना वायरस महामारी का अनियंत्रित प्रसार हुआ है, चीन के साथ सीमा पर समस्या हैं, नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई और बेरोजगारी के आंकड़े इतिहास में सबसे उच्च स्तर तक चले गए.
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