नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच शुक्रवार को होने वाली वार्ता से पहले बाबा लक्खा सिंह ने मध्यस्थता की पेशकश करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से बृहस्पतिवार को मुलाकात की। पंजाब के नानकसर गुरुद्वारा, कलेरां के प्रमुख लक्खा सिंह के साथ बैठक के दौरान तोमर ने कहा-हम दस कदम आगे बढे़। किसान संगठनों को भी थोड़ा आगे बढ़ना चाहिए। किसान अगर कृषि कानूनों को रद्द करने की बात को छोड़कर और कोई भी प्रस्ताव दें, तो सरकार फिर उस पर विचार करेगी। वहीं, बाबा लक्खा ने कहा, हम नया प्रस्ताव लेकर आएंगे और इस मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी।

बाबा लक्खा से मुलाकात के बाद बढ़ीं हलचलों के बीच तोमर ने किसानों और सरकार के बीच शुक्रवार को होने वाली वार्ता के नतीजे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा-विज्ञान भवन में दोपहर दो बजे आंदोलन कर रहे 40 किसान संगठनों के साथ बातचीत में क्या निकलकर आएगा, कुछ कहा नहीं जा सकता है। उन्होंने बाबा लक्खा को किसी तरह के प्रस्ताव देने के बारे में भी बताने से इनकार करते हुए कहा, मैं अभी कुछ भी नहीं कह सकता हूं। वास्तव में यह बैठक में होने वाली चर्चा के मुद्दाें पर निर्भर करेगा।
जब तोमर से पूछा गया कि क्या बाबा लक्खा के साथ किसी प्रस्ताव पर चर्चा हुई तो उन्होंने कहा, सरकार ने कोई प्रस्ताव नहीं दिया है। तोमर से पूछा गया कि क्या सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव है, जिसमें वह राज्य सरकार को नए कृषि कानूनों को लागू करने की आजादी दे रही है। इस पर उन्होंने कहा, नहीं। हमने बाबा लक्खा से बातचीत की है। जो भी मिलने के लिए कहेगा, मैं उससे मिलूंगा, चाहे वह किसान हो या नेता। वहीं, कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा, नए कृषि कानूनों से किसानों को आजादी मिली है और सरकार को उम्मीद है कि जल्द से जल्द यह गतिरोध टूटेगा।
वहीं, तोमर से मुलाकात के बाद लक्खा सिंह ने कहा, लोगों की जान जा रही है। बच्चे, किसान, बुजुर्ग महिलाएं और पुरुष सड़कों पर हैं। असहनीय दुख है। मैंने सोचा कि इसका हर हाल में समाधान होना चाहिए, इसलिए मैं कृषि मंत्री से मिला। बातचीत अच्छी रही और हमने समाधान निकालने की कोशिश की। लक्खा सिंह ने कहा, हम सरकार और किसानों से अपील करते हैं, वे जल्द से जल्द इस मसले का हल निकालें। मंत्री ने हमें यह आश्वस्त किया है कि समाधान में वह हमारे साथ हैं।
भाजपा ने बृहस्पतिवार को कहा, किसानों को ट्रैक्टर मार्च का आह्वान करने से पहले आठ जनवरी के लिए निर्धारित वार्ता के अगले दौर तक इंतजार करना चाहिए था। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, जब बातचीत चल रही हो तो किसी भी आंदोलन का आह्वान करना सही नहीं है। ट्रैक्टर मार्च के लिए बुलाने से पहले किसानों को केंद्र के साथ आठ जनवरी तक की वार्ता का इंतजार करना चाहिए था। पिछले दो दौर की वार्ता एक सकारात्मक रही है और हम अगले दौर में समाधान को लेकर आशान्वित हैं।
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