किसान आंदोलन को देखते हुए प्रदेश सरकार ने मोबाइल पर इंटरनेट व एसएमएस सेवा तक रोक लगाई हुई है। इस कारण से निगम कार्यालय में आकर प्रॉपर्टी टैक्स भरने वालों में काफी कमी आई है। एसएमएस सेवा बंद होने से ओटीपी नहीं आ रहे हैं, जिस कारण शहरवासी भी टैक्स जमा नहीं करवा रहे हैं।
किसान आंदोलन के कारण बंद किए गए इंटरनेट व एसएमएस सेवा का नगर निगम के खजाने पर भी असर पड़ रहा है। इस कारण से निगम के खाते में आ रही प्रॉपर्टी टैक्स राशि का प्रतिदिन का औसत 22 लाख रुपये घटकर करीब 4.50 लाख रुपये पर पहुंच गया है। वहीं निगम के खाते में प्रॉपर्टी टैक्स से 14.53 करोड़ रुपये जमा हुए हैं, जबकि इस वित्त वर्ष का लक्ष्य 25 करोड़ रुपये है।
बता दें कि किसान आंदोलन को देखते हुए प्रदेश सरकार ने मोबाइल पर इंटरनेट व एसएमएस सेवा तक रोक लगाई हुई है। इस कारण से निगम कार्यालय में आकर प्रॉपर्टी टैक्स भरने वालों में काफी कमी आई है। चूंकि फिलहाल टैक्स पर छूट की योजना भी चल रही है। मगर इसका फायदा तभी मिल रहा है, अगर प्रॉपर्टी मालिक अपनी प्राॅपर्टी का ऑनलाइन पोर्टल पर सेल्फ असेसमेंट करता है। ज्यादा से ज्यादा लोग सेल्फ असेसमेंट करके छूट योजना का लाभ उठाए, इसे देखते हुए निगम कर्मचारी खुद ही उन प्रॉपर्टी का सेल्फ असेसमेंट कर रहे हैं, जिनके मालिक निगम कार्यालय में टैक्स जमा करवाने आ रहे हैं।
इसके लिए निगम कर्मचारी को एक ओटीपी की जरूरत होती है तो प्रॉपर्टी मालिक के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर आता है। फिलहाल मोबाइल इंटरनेट व एसएमएस सेवा बंद होने से ओटीपी नहीं आ रहे हैं, जिस कारण शहरवासी भी टैक्स जमा नहीं करवा रहे हैं। अब फिलहाल वो लोग ही प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवा रहे हैं, जो छूट योजना का फायदा नहीं लेना चाहते हैं और उन्हें अभी टैक्स भरना है।
टैक्स में इतनी आई गिरावट
इंटरनेट बंद होने से पहले इस माह के शुरुआती सात दिनों में निगम के खाते में करीब 1.50 करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स जमा हुआ। इस समयावधि में एक दिन में तो प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में एक करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि निगम के खाते में आई। वहीं इंटरनेट सेवा बंद होने के बाद के 7 दिनों में प्रॉपर्टी टैक्स से करीब 32 लाख रुपये ही आए। इस अवधि में दो दिन ही ऐसे हैं, जब एक दिन में एक लाख रुपये से ज्यादा की राशि जमा हुई।
प्रॉपर्टी टैक्स पर छूट 29 फरवरी तक
प्रॉपर्टी टैक्स पर छूट की योजना के अब सिर्फ 8 दिन ही बचे हैं। इस योजना के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 तक के बकाया प्रॉपर्टी टैक्स पर लगे ब्याज पर 100 प्रतिशत और मूल राशि पर 15 प्रतिशत की छूट है। इसके अलावा वित्त वर्ष 2023-24 के प्रॉपर्टी टैक्स पर 15 प्रतिशत छूट उपलब्ध है। मगर छूट का फायदा उठाने के लिए प्रॉपर्टी का सेल्फ असेसमेंट जरूरी है।
निगम में विभिन्न मदों से आई राशि
प्रॉपर्टी टैक्स 14.53 करोड़ रुपये
फायर टैक्स 1.32 करोड़ रुपये
विकास शुल्क 3.68 करोड़ रुपये
कचरा शुल्क 97 लाख रुपये
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