पंजाब में किसान नेताओं ने दिल्ली कूच की पूरी तैयारी कर ली है। वे 16 फरवरी तक दिल्ली बॉर्डर पर टिकने का बंदोबस्त करके ही 13 को रवाना होंगे। सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर, राशन, टेंट व अन्य सामान लेकर दिल्ली कूच करेंगे। इस बीच केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच दूसरे दौर की बातचीत 12 फरवरी को होगी। सरकार ने किसान संगठनों के नाम एक चिट्ठी जारी की है।
दूसरे दौर की बैठक भी चंडीगढ़ में 12 फरवरी को शाम पांच बजे सेक्टर 26 महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में होगी। बैठक में केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि आठ फरवरी को किसान संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों की एक दौर की बैठक हो चुकी है। उस दौरान बैठक में केंद्रीय मंत्रियों ने कहा था कि किसान संगठनों की ओर से जो मांगें दी गई हैं कि उन पर विचार करने के लिए 13 से पहले वह एक और बैठक करेंगे।
पंजाब सरकार ने किसान यूनियनों की मांगों को लेकर बीते शुक्रवार को एक रिपोर्ट भेजी थी। इसमें किसान यूनियनों की मांगों के अलावा पंजाब सरकार ने एमएसपी और पिछले किसान आंदोलन से जुड़ी मांगों का जिक्र किया।
दूसरी तरफ पंजाब और हरियाणा के करीब 26 किसान संगठनों के नेताओं ने बड़ी संख्या में 13 फरवरी को इकट्ठे होकर दिल्ली कूच करने की घोषणा की है। किसान संगठनों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को मानकर संवैधानिक तौर पर घोषणा नहीं करती तब तक आंदोलन किसी हालत में नहीं रुकेगा।
सीएम मान बोले- केंद्रीय मंत्रियों ने मांगें नहीं मानीं
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी 13 फरवरी के किसान आंदोलन के न थमने के भरी सभा में संकेत दिए हैं। शनिवार को खन्ना में घर-घर मुफ्त राशन योजना कार्यक्रम में सीएम मान ने कहा किसानों की मांगों और उनके हक के लिए चंडीगढ़ में बीते दिनों तीन केंद्रीय मंत्रियों और किसान दलों के प्रतिनिधियों के बीच मैंने बैठक करवाई। किसानों की मांगों को केंद्रीय मंत्रियों के समक्ष विस्तारपूर्वक रखा गया लेकिन केंद्र सरकार ने मांगें नहीं मानीं।
क्या बोले किसान नेता13 फरवरी को किसानों का आंदोलन होकर रहेगा। पुलिस और प्रशासन अपनी दमनकारी नीति पर उतर चुकी है। हो सकता है पंजाब में भी सरकार कर्फ्यू लगा दें। यह किसानों की नहीं हर वर्ग की लड़ाई है। मेरा सभी किसान जत्थेबंदियों से आग्रह है कि एकजुट होकर किसान आंदोलन का हिस्सा बनें और शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाएं। – तेजवीर सिंह, किसान नेता, बीकेयू एसबीएस।
13 फरवरी को किसान शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली कूच करेंगे। अगर सरकार चाहती है कि उनकी मांगों को लेकर 13 से पहले दूसरे दौर की बैठक बुलानी है तो हम उसके लिए भी तैयार हैं लेकिन सरकारें किसानों को रोकने के लिए जिस प्रकार से कदम उठा रही है, इससे जाहिर होता है कि केंद्र सरकार किसानों की मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं। – जगजीत सिंह डल्लेवाल, प्रधान, भारत किसान यूनियन सिद्धूपुर।