शरीर के किसी हिस्सा में होने वाली कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर का मुख्य कारण होती है। शरीर की जरुरत के अनुसार यह कोशिकाएं बंट जाती है, लेकिन जब यह निरंतर वृद्धि करती हैं तो कैंसर का रूप ले लेती हैं। इसी प्रकार स्तन कोशिकाओं में होने वाली अनियंत्रित वृद्धि, स्तन कैंसर की प्रमुख वजह है। कोशिकाओं में होने वाली लगातार वृद्धि इकठ्ठा होकर गांठ का रूप ले लेती है, जिसे कैंसर ट्यूमर कहते हैं। स्तन कैंसर होने पर पहले या दूसरे चरण में ही इसका पता चल जाने से सही वक़्त पर इसका उपचार संभव है।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, बच्चे नहीं पैदा करना, अधिक आयु में पहला बच्चा होना, स्तनपान नहीं कराना, वजन में बहुत ज्यादा वृद्धि और अक्सर शराब का सेवन करना तथा खराब व अनियंत्रित जीवनशैली स्तन कैंसर की प्रमुख वजह हैं। इसके अलावा अनुवांशिक रूप से भी स्तन कैंसर की बीमारी होने की संभावना है। इसके अलावा महिलाओं को जागरूक रहने के साथ ही रेगुलर तौर पर स्तन कैंसर की जांच करवाना चाहिए। महिलाएं अपने ब्रेस्ट का टेस्ट, मैमोग्राफी से करवा सकती हैं। इसका इस्तेमाल रोग की पहचान करने और उसका पता लगाने के उपकरण के तौर पर किया जाता है। मैमोग्राफी का लक्ष्य स्तन कैंसर का प्रारंभिक दौर में ही पता लगाना है।
स्तन के आकार में परिवर्तन महसूस होना, स्तन या बांह के नीचे की ओर टटोलने पर गांठ महसूस होना, स्तन को दबाने पर दर्द होना, कोई तरल या चिपचिपा पदार्थ स्त्रावित होता, निप्पल के अग्रभाग का मुड़ना एवं रंग लाल होना, स्तनों में सूजन आ जाना, स्तन कैंसर की मुख्य वजह हैं, जिनके महसूस होने पर सतर्क होकर इससे बचने के उपाय करना बेहद जरुरी है।