कृषि कानून का देश में कई जगह किसान विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं उसके समर्थन में भी कई बड़ी पार्टियां और लोग दिख रहे हैं। वाराणसी में भी सपा, कांग्रेस कार्यकर्ता, किसान संगठन भी किसानों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं। गंगा घाट पर एक शख्स ने रचनात्मक तरीके से किसानों का समर्थन किया।
उसने गंगा में उतरकर हाथों में पोस्टर लेकर कृषि कानून वापस लेने की अपील की। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। उसने उनके लिए मौन व्रत रखा। साथ ही उसने हाथ में तिरंगा ले रखा था।
बीएचूय के छात्र किसानों के समर्थन में उतरे
कृषि कानून को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में सोमवार को बीएचयू के छात्र भी उतर आए हैं। बीएचयू सिंह द्वार पर ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सदस्यों और छात्रों ने प्रदर्शन कर कृषि कानून को वापस लेने की मांग की। इस दौरान सदस्यों ने कहा कि कृषि कानून किसान विरोधी है।
वाराणसी में समाजवादी पार्टी(सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आह्वान पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने सोमवार को किसानों के समर्थन में जिला मुख्यालय पर धरना दिया। जिलाध्यक्ष सुजीत यादव उर्फ लक्कड़ पहलवान के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता सुबह 11 बजे पहुंच गए। इस दौरान पुलिस का चारों तरफ पहरा था। आधे घंटे के अंदर ही उन्होंने एसीएम चतुर्थ को ज्ञापन सौंप दिया।
सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि समाजवादी पार्टी की नींव किसान, गांव, गरीब, खेत, खलिहान हैं। गांधी, लोहिया ने जो सपना किसानों के लिए देखा था, उस दिशा में कदम बढ़ाते हुए मुलायम सिंह यादव ने चुंगी प्रथा को समाप्त कर दिया था।