कार्तिक पूर्णिमा / चंद्रदेव को चढ़ाना चाहिए जल और बोलना चाहिए एक मंत्र प्रसन्न होगी मां लक्ष्मी…

पूर्णिमा पर चंद्र पूरी कलाओं के साथ दिखाई देता है। ये रात पूजा-पाठ के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है। इस बार 22 और 23 नवंबर को कार्तिक मास की पूर्णिमा है। 22 तारीख को व्रत की पूर्णिमा है और 23 को स्नान दान की पूर्णिमा है। इस तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने की परंपरा है। चंद्र के सामने किए गए पूजन से शुभ फल जल्दी मिल सकते हैं। जानिए पूर्णिमा पर कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं…


पूर्णिमा की रात चंद्र उदय के बाद चांदी के लोटे से चंद्र को दूध और जल का अर्घ्य अर्पित करें। ऊँ सों सोमाय नम: मंत्र का जाप 108 बार करें।
पूर्णिमा पर किसी पवित्र नदी में स्नान करें। स्नान के बाद पीपल की पूजा करें। पीपल को जल चढ़ाएं। मिठाई का भोग लगाएं और सात परिक्रमा करें।
पूर्णिमा पर चंद्रोदय के बाद चंद्रदेव को कच्चे दूध में मिश्री और चावल मिलाकर अर्घ्य अर्पित करें।
इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करें। पूजा में 11 पीली कौड़ियां, गोमती चक्र रखें। पूजा के बाद ये चीजें तिजोरी में रखें।
महालक्ष्मी और विष्णुजी की पूजा करें और पूजा में दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक करें। दूध में केसर मिलाएं और इसके बाद इस दूध को शंख में डालकर अभिषेक करें।

जानिए कैसा रहेगा आज का आपका दिन…

महालक्ष्मी के मंदिर जाएं और देवी मां को हल्दी की गांठ, इत्र, गुलाब के फूल चढ़ाएं। माता लक्ष्मी के सामने केसर का तिलक खुद के मस्तक पर लगाएं।
अपने घर के मंदिर में श्रीयंत्र, कुबेर यंत्र, एकाक्षी नारियल, दक्षिणवर्ती शंख की पूजा करें।
घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए सत्यनारायण भगवान की कथा करें।
हनुमानजी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
शिवलिंग के पास दीपक जलाएं और श्रीराम नाम का जाप 108 बार करें।

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