काबुल से विमान के पहिए में छिपकर 13 साल के किशोर के आईजीआई एयरपोर्ट आने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले वर्ष 1996 में पंजाब के रहने वाले दो भाइयों प्रदीप सैनी (23) और विजय सैनी (19) ने बिना वीजा और पासपोर्ट के गैर-कानूनी तरीके से विदेश जाने का फैसला लिया था। इस जानलेवा सफर में एक भाई की मौत हो गई थी।
प्रदीप सैनी और विजय सैनी पंजाब से दिल्ली पहुंचे और आईजीआई एयरपोर्ट पर कई दिन रेकी की। एयरपोर्ट में घुसने का रास्ता खोजकर दोनों भाई लंदन के हीथ्रो जाने वाली ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट के लैंडिंग गियर में छिप गए। विमान के टेकऑफ करते ही लैंडिंग गियर अंदर की ओर चले जाते हैं और दरवाजा बंद हो जाता है।
दिल्ली से रवाना होने के करीब 10 घंटे बाद जब फ्लाइट लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर लैंड हुई तो एक कर्मचारी को लैंडिंग गियर से भारी-भरकम चीज गिरी हुई दिखी। पास जाकर देखा तो वह प्रदीप सैनी था जिसकी सांसें चल रही थीं। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां होश आने पर उसने पूरी कहानी सुनाई।
प्रदीप ने जब अपने छोटे भाई विजय के बारे में पूछा तो उसकी तलाश की गई। घटना के पांच दिन बाद उसका शव साउथ-वेस्ट लंदन के रिचमोंड स्थित एक औद्योगिक क्षेत्र में मिला। पता चला कि ठंड की वजह से उसकी मौत हो गई थी। वह लैंडिंग के दौरान एयरपोर्ट के नजदीक विमान से दो हजार फीट की ऊंचाई से नीचे गिर गया था।
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