मानसून का पश्चिमी सिरा उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ने के कारण मौसम में फिर बदलाव हो रहा है। एक जुलाई के बाद से उमस भरी गर्मी का सामना कर रहे लोगों के लिए बुधवार शाम से कुछ राहत मिलनी शुरू हो सकती है। कानपुर मंडल में गरज व चमक के साथ रुक-रुककर बूंदाबांदी या वर्षा होने के आसार हैं। इस दौरान तापमान में भी कमी आएगी।

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसएवि) के मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि मंगलवार को शहर का अधिकतम तापमान 38.6 डिग्री और न्यूनतम 28.6 डिग्री सेल्सियस रहा। बादलों की आवाजाही के कारण लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ा, लेकिन बुधवार से बादल घने होने की संभावना है। इसके कारण 20 से 25 जुलाई के बीच तेज हवाओं व गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है। इससे किसानों को काफी हद तक राहत मिल सकती है और वह धान व अन्य फसलों की सीधे बोआई कर सकेंगे।
इस वर्ष यह रही स्थिति
जून
-35.8 मिलीमीटर वर्षा हुई
-81.5 मिमी होनी चाहिए औसत वर्षा
-56.1 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई जून में इस वर्ष
जुलाई
-55.8 मिलीमीटर हुई है अब तक इस माह
-166.7 मिलीमीटर होनी चाहिए थी वर्षा अब तक इस माह
-66.5 प्रतिशत तक कम वर्षा दर्ज की गई इस माह
खेती की आकस्मिक योजना बनाएं किसान
मौसम विज्ञानी ने बताया कि प्रदेश में खरीफ मौसम के दौरान 116.37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती की जाती है, जिसमें से मात्र 62 प्रतिशत क्षेत्रफल में सिंचाई की सुविधा है। प्रदेश में पूरे वर्ष औसतन 947.50 मिलीमीटर वर्षा होती है, जबकि इस बार ऐसा नहीं हुआ। ऐसी स्थिति में आकस्मिक योजना बनाने की जरूरत है। किसान विभिन्न फसलों की कम दिनों में तैयार होने वाली प्रजातियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। जब तक पर्याप्त नमी उपलब्ध न हो, तब तक बोआई न करें। अगर पहले ही फसल की बोआई कर दी है तो समय-समय पर हल्की सिंचाई शाम के समय करें। धान की नर्सरी में नाइट्रोजन का प्रयोग दो प्रतिशत यूरिया के साथ करें। कद्दू वर्गीय फसलों की बोआई मेड़ों के किनारों पर करें।
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