उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि महात्मा गांधी ने 1947 में आजादी मिलने के बाद कांग्रेस को एक मंच के तौर पर भंग करने का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शुरुआत में विभिन्न विचारधारा के लोगों का एक आंदोलन था।
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) परिसर में ग्रामीण प्रबंधन संस्थान, आणंद (आईआरएमए) के 40वें स्थापना दिवस पर नायडू ने कहा कि लोग महात्मा गांधी, गोपालकृष्ण गोखले, बालगंगाधर तिलक के नेतृत्व में आजादी हासिल करने के लिए जुटे थे।
लोग साथ आए और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। जब स्वतंत्रता मिली तो, वह कार्य (संघर्ष) पूरा हो गया और ऐसे में किसी चर्चा की जरूरत नहीं थी। महात्मा गांधी का दूसरा सुझाव गांवों की ओर लौटने का था लेकिन दुर्भाग्य से हमने इसे भुला दिया।
हम गांवों को ही भूल गए। उन्होंने कहा कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का लोगों ने स्वागत किया है। लोग अयोध्या विवाद के सार्थक समाधान से खुश हैं क्योंकि हमने इन बातों पर विराम लगा दिया और आगे बढ़ गए हैं। उपराष्ट्रपति सरदार पटेल के पैतृक आवास पर भी गए।