उज्जैन: उज्जैन की रहने वाली अखिल भारतीय कांग्रेस सदस्य नूरी खान अपने भगवा चोले को लेकर विवादों में आ गयी है. हाल में उन्होंने वाल्मीकि धाम के संस्थापक संत उमेशनाथ महाराज के नेतृत्व में निकाली गयी ओम नम: शिवाय जाप यात्रा में भाग लिया और भगवा चोला पहनकर ओम नमः शिवाय का जाप भी किया.
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जिसके चलते वे अपने ही समुदाय के अनुयायियों के निशाने पर आ गयी है. यह यात्रा महांकाल मंदिर गयी थी, जिसमे कांग्रेस नेता नूरी खान भी शमिल हुई. बैंड-बाजे और झांकियों संग निकाली यात्रा में महामंडलेश्वर स्वामी शांतिस्वरूपानंद गिरि, रंगनाथाचार्य महाराज, परमहंस डॉ. अवधेशपुरी महाराज, रामनाथजी महाराज, इस्कॉन मंदिर के राघव पंडित दास सहित बड़ी संख्या में संत समुदाय और हिंदू धर्म अनुयायी शामिल हुए.
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नूरी खान ने अपनी यात्रा के बाद इस पोस्ट को सोशल मिडिया पर पोस्ट किया. जिसमे उन्होंने लिखा कि ‘तो आज कर दो फतवा जारी’ शीर्षक के साथ जारी पोस्ट में खान ने लिखा कि धर्म के ठेकेदार तय नहीं करेंगे कि अच्छा हिंदू कौन या अच्छा मुसलमान कौन. न केसरिया तेरा है न हरा मेरा है. न भगवा रंग किसी के बाप का है, न हरा रंग। मैंने भगवा रंग भाईचारे और एकता के लिए पहना है. मेरा इस्लाम मेरे पालन का विषय है. अगर किसी अन्य धर्म के सम्मान की बात होगी तो मैं हमेशा आगे रहूंगी. मजहब बैर रखना नहीं सिखाता.
नूरी खान की इस पोस्ट पर शहर काजी खलीकुर्रेहमान ने कहा कि यात्रा का मकसद अगर हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ाना है तो ठीक है, मगर जाप करना धर्म का विषय है. नूरी के जाप से धार्मिकता का कोई लेना-देना नहीं है. ये महज राजनीतिक स्टंट है. उनकी पोस्ट ‘तो आज जारी कर दो फतवा जारी” उनकी नादानी है. इससे फतवे का कोई संबंध नहीं है.
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