राजस्थान में कांग्रेस के अंदर चल रही सियासी उठापटक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर बड़ा एक्शन लिया है. कांग्रेस ने पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने के साथ-साथ डिप्टी सीएम के पद से भी मुक्त कर दिया है.
बीजेपी के लिए अब सिर्फ फ्लोर टेस्ट ही आखिरी रास्ता है. गहलोत द्वारा किए गए बहुमत के दावे पर न तो सचिन पायलट और न ही बीजेपी को भरोसा है. ऐसे में अब लगातार फ्लोर टेस्ट की मांग उठ रही है, जिस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भगवान ने भी इत्ती अक्ल तो दी होगी कि फ्लोर टेस्ट की मांग कब और कैसे उठाई जानी है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद राज्यपाल कलराज मिश्रा से जाकर मुलाकात की. इस दौरान सचिन पायलट सहित तीन मंत्रियों को पद से हटाने की जानकारी देने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सचिन पायलट बीजेपी के हाथों खेल रहे हैं. गहलोत ने कहा कि देश में ऐसी सरकार आई है वह धनबल से राज्य की दूसरी सरकारों को तोड़-मरोड़ रही है.
कर्नाटक और मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान में कांग्रेस सरकार के हटाने की साजिश चल रही थी, जिसमें वो कामयाब नहीं हो सके हैं.
फ्लोर टेस्ट के सवाल पर गहलोत ने कहा कि भगवान ने भी इत्ती तो अक्ल दी होगी. कांग्रेस का कोई विधायक फ्लोर टेस्ट की मांग नहीं कर सकता है.
उसे अगर कोई शिकायत है तो विधायक दल की बैठक बुलाने की बात कर सकता है और वहां पर अपनी बातें रख सकता है और अगर मुख्यमंत्री या किसी मंत्री से सहमत नहीं है तो उसे इस्तीफा देने की बात कह सकता है. सचिन पायलट ने फ्लोर टेस्ट की मांग करके साबित कर दिया है कि बीजेपी के सहयोग से सरकार को गिराएंगे.
अशोक गहलोत ने कहा कि ये फैसला मजबूरी में करना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘आखिरकार मजबूरी में हाई कमान को फैसला करना पड़ा, क्योंकि काफी समय से भाजपा षडयंत्र कर रही थी. हम जानते थे कि ये षडयंत्र बहुत बड़ा है और हॉर्स ट्रेडिंग हो रही है. ये स्थिति उसी वजह से पैदा हुई है. हमारे कुछ साथी गुमराह होकर दिल्ली चले गए.
सीएम गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट के हाथ में कुछ भी नहीं है, जो पूरा कुनबा है वो भाजपा के हाथ में खेल रहा है. रिजॉर्ट बुक किया गया है, सारी व्यवस्था भाजपा की है. जो टीम पहले मध्य प्रदेश में व्यवस्था कर रही थी वही टीम इस बार वहां व्यवस्था कर रही है.
उन्हें एक जगह सफलता मिल गई है यही वजह है कि वो यहां भी वैसा ही करना चाहते हैं. विधायक पर जनता का दबाव है कि उन्हें पांच साल के लिए चुनकर भेजा गया है और वो डेढ़ साल में ही ऐसा कर रहे हैं.
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘कांग्रेस नेतृत्व ने बार-बार यह कहा जो राजनीतिक ताकत सचिन पायलट को कम उम्र में दी गई, वो शायद किसी को नहीं मिली.
30-32 साल की उम्र में उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया. 34 साल की उम्र में राजस्थान के कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी. 40 साल की उम्र में उपमुख्यमंत्री बनाया. इतने कम समय में किसी को प्रोत्साहित करने का यही मतलब है कि सोनिया और राहुल का आशीर्वाद उनके साथ है.
सुरजेवाला ने कहा कि पिछले 4 दिन से भी कांग्रेस कहती रही कि कोई सुबह का भूला शाम को लौट आए तो बात सुनी जाएगी, लेकिन खेद है कि पायलट और उनके कुछ साथी 8 करोड़ राजस्थानियों द्वारा चुनी गई सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं.