कांग्रेस-JDS सरकार को तगड़ा झटका, 2 निर्दलीय विधायकों ने वापस लिया समर्थन

कर्नाटक में सियासी उठापटक की आशंका के बीच बड़ी खबर यह है कि दो निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस-जेडीएस सरकार के समर्थन वापस ले लिया है। ये विधायक हैं – एच. नागेश और आर. शंकर।

आर. शंकर का कहना है कि आज मकर संक्रांति है और इस दिन हम सरकार बदलना चाहते हैं। हमें एक सक्षम सरकार चाहिए, इसलिए अपना समर्थन वापस ले रहा हूं। वहीं एच. नागेश ने कहा, मैं अच्छी और स्थिर सरकार देने के लिए इस गठबंधन का समर्थन किया था, जो असफल रहा।

मालूम हो, इससे पहले प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जदएस गठबंधन ने भाजपा पर ‘ऑपरेशन लोटस’ के तहत विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है। वहीं, भाजपा ने इन आरोपों को खारिज किया है।

भाजपा ने अपने सभी 104 विधायकों को गुरुग्राम में रखा है। भाजपा का आरोप है कि मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी भाजपा विधायकों को तोड़ना चाहते हैं। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस के पांच विधायक लापता बताए जा रहे हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के 10 और जेडीएस के तीन विधायक भाजपा के संपर्क में हैं।

…तो यह हो सकता है भाजपा की रणनीति

– भाजपा की कोशिश है कि ये 13 विधायक जल्द से जल्द इस्तीफा दे दें। भाजपा अगले हफ्ते प्रदेश सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी ला सकती है।

– बताते चलें कि विधानसभा चुनावों में भाजपा को सबसे ज्यादा सीटें हासिल हुई थीं और पार्टी नेता बीएस येद्दयुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली थी। लेकिन बाद में कांग्रेस और जेडीएस ने हाथ मिलाकर एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में सरकार बना ली थी।

– ताजा घटनाक्रम में कांग्रेस-जेडीएस के 13 विधायक बेंगलुरु से गायब हैं। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी का आरोप है कि भाजपा सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को लुभाने का प्रयास कर रही है, लेकिन गठबंधन का कोई भी विधायक पाला नहीं बदलेगा।

– कांग्रेस के अंदर बेचैनी है। खासतौर से जिस तरह भाजपा के विधायक दिल्ली-एनसीआर में डटे हुए हैं। दरअसल, कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार तो बना ली थी, लेकिन उनके पास बड़ा बहुमत नहीं है। ऐसे में अगर 13 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया तो परेशानी बढ़ जाएगी।

– वैसे भी कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरमैया गठबंधन सरकार से बहुत खुश नहीं माने जाते हैं। रविवार को राज्य के जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार ने भी माना था कि तीन कांग्रेस विधायक मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए हैं। इस बारे में जब कांग्रेस नेता और उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर से पूछा गया तो उनका जबाव था, ‘उन्हें रहने दीजिए… वे वहां क्यों गए हैं, कोई नहीं जानता। वे छुट्टियां मनाने गए होंगे या मंदिर दर्शन को गए होंगे या फिर नेताओं से मिलने गए होंगे।’

भाजपा के सभी विधायक मेरे लोग : कुमारस्वामी

वहीं, मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि राज्य में कांग्रेस-जेडीएस सरकार की ‘अस्थिरता’ का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने उन रिपोर्टो को भी खारिज कर दिया जिनमें कहा गया है कि भाजपा उनकी सरकार को गिराने के लिए कथित रूप से ‘ऑपरेशन लोटस’ चला रही है। जब उनसे डीके शिवकुमार के उस दावे के बारे में पूछा गया कि कांग्रेस के तीन विधायक मुंबई में कुछ भाजपा नेताओं के साथ हैं, तो कुमारस्वामी ने कहा, ‘वे मेरे मित्र हैं। जो विधायक मुंबई में हैं या भाजपा के सभी 104 विधायक जो दिल्ली में हैं, सभी मेरे लोग हैं। इसलिए इस सरकार की अस्थिरता का सवाल ही नहीं उठता। (कांग्रेस) विधायक मेरी जानकारी के बाद मुंबई गए थे, वे मेरे साथ लगातार संपर्क में हैं।’

चुनाव तैयारियों के लिए आए हैं विधायक : येद्दयुरप्पा

उधर, भाजपा अपने विधायकों को नजरों के सामने ही रखना चाहती है। शनिवार को खत्म हो चुकी भाजपा राष्ट्रीय परिषद की बैठक में हिस्सा लेने आए विधायक अभी भी दिल्ली-एनसीआर में जमे हुए हैं। पार्टी के कर्नाटक अध्यक्ष और नेता बीएस येद्दयुरप्पा ने यहीं वेस्टर्न कोर्ट में उनकी बैठक ली। बाद में उन्हें गुरुग्राम शिफ्ट कर दिया गया। इसे कर्नाटक में बदल रहे राजनीतिक माहौल से जोड़कर ही देखा जा रहा है। लेकिन येद्दयुरप्पा ने साफ किया कि वह केवल लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। विधायकों की बगावत से उनका कोई लेना-देना नहीं है।

कर्नाटक भाजपा की प्रभावशाली नेता शोभा करांदलजे ने बताया कि उनसे किसी भी बागी विधायक ने संपर्क नहीं किया है। यह प्रदेश सरकार की परेशानी है और इसमें भाजपा को घसीटने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। इसके बावजूद भाजपा चिंतित है कि कहीं उसके विधायकों को तोड़ने की कोशिश न हो।

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