कश्मीर से धारा 370 खत्म होने के बाद से पाक पीएम इमरान खान दुनिया की हर चौखट पर जा चुके हैं, लेकिन उन्हें दुनिया के किसी भी देश का भरपूर साथ नहीं मिला। इमरान खान अब इस मामले में निराश हो चुके हैं। उन्होंने थक हारकर मान ही लिया है कि कश्मीर मामले में दुनियाभर से वो समर्थन नहीं मिला जिसकी पाकिस्तान उम्मीद लगाए बैठा था।

मंगलवार को इमरान खान ने अपनी निराशा को साफ करते हुए कहा कि वह इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से निराश हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण के अपने प्रयासों में विफल रहा है। पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर लाने की कोशिश करता रहा लेकिन वहां उसे किसी ने भाव नहीं दिया।
जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से पाक बौखलाया हुआ है। उसने भारत के खिलाफ देशों को भड़काने की कोशिश की, लेकिन उसे हार ही मिली। इमरान ने कहा कि मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से निराश हूं। यदि आठ मिलियन यूरोपीय या यहूदी या यहां तक कि आठ अमेरिकियों को घेराबंदी में रखा गया होता, तो क्या तब भी यही प्रतिक्रिया होती? लेकिन हम दबाव डालते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि कश्मीर से एक बार कर्फ्यू हटता है तो अल्लाह जानता है कि उसके बाद क्या होगा। आपको लगता है कि कश्मीरी चुपचाप स्वीकार कर लेंगे। इमरान ने ये बातें पाकिस्तानी पत्रकारों से कही। इस दौरान उनके साथ विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी मौजूद थे।
पीएम मोदी और इमरान खान दोनों यूएनजीए के लिए न्यूयॉर्क में हैं। दोनों नेताओं ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। ट्रंप ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने की अपनी पेशकश को नए सिरे से रेखांकित किया कि वह ऐसा केवल तभी करेंगे जब दोनों पक्षों द्वारा कहा जाएगा।
कश्मीर की हार के अलावा इमरान खान ने भारत के आर्थिक कद और वैश्विक प्रमुखता को भी स्वीकार किया और बताया कि कश्मीर पर पाकिस्तान के बयान की अनदेखी क्यों की जा रही है। इमरान ने कहा कि भारत में 1.2 बिलियन लोग हैं और दुनिया उन्हें बाजार के रूप में देखती है।
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