कश्मीर घाटी में जारी उथल-पुथल के बीच भारतीय थलसेना ने अपनी एक पूरी ब्रिगेड ही दक्षिण कश्मीर में भेज दी है। आतंकवादियों के सफाए और प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन ‘काम डाउन’ के तहत थलसेना ने यह ब्रिगेड भेजी है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इलाके में ‘जंगलराज’ जैसे हालात कायम होने की खुफिया सूचनाएं मिलने के बाद करीब 4000 अतिरिक्त सैनिकों को स्थिति सामान्य बनाने के काम में लगाया गया है। हालांकि, उन्हें स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे बल प्रयोग कम से कम करें।
उधर, कश्मीर में सुरक्षा बलों और पत्थर फेंक रहे प्रदर्शनकारियों के बीच ताजा संघर्ष में मंगलवार को दो युवकों की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हो गए। इन मौतों के साथ कश्मीर में जारी हिंसक प्रदर्शनों के दौरान मरने वालों की संख्या बढ़कर 78 हो गई।
सूत्रों ने बताया कि इलाके में हालात ऐसे हैं कि आतंकवादी और उनसे हमदर्दी रखने वाले लोग हावी हैं। वह प्रदर्शन कर रहे हैं और सड़कों पर जाम भी लगा रहे हैं। दक्षिण कश्मीर के चार जिलों- पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग और कुलगाम में सैनिकों को तैनात कर दिया गया है। हिंसा के मौजूदा दौर में दक्षिण कश्मीर के जिले ही सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इस साल आठ जुलाई को हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की एक मुठभेड़ में हुई मौत के बाद से ही घाटी में हिंसक विरोध-प्रदर्शनों का दौर जारी है। वानी दक्षिण कश्मीर क्षेत्र से ही ताल्लुक रखता था।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और जम्मू-कश्मीर पुलिस की मदद से थलसेना के जवान बारीकी से इलाके की घेराबंदी कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों की ओर से सड़कों पर लगाए गए जाम को हटा रहे हैं ताकि लोगों को आने-जाने में परेशानी न हो। बता दें कि सड़कों पर पेड़, बिजली के खंभे, बडे़-बडे़ पत्थर और वाहनों को आग के हवाले करके प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर दिया है। पुलवामा के करीमाबाद इलाके से जाम हटवाने के बाद सेना के जवान शोपियां और कुलगाम की ओर रवाना हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि बकरीद के मद्देनजर कुछ समय के लिए रोकी गई यह प्रक्रिया त्योहार के बाद फिर से शुरू की जाएगी। सेना के अतिरिक्त जवानों को भी इस काम में लगाया जा सकता है। यह फैसला ऐसी खुफिया सूचनाएं मिलने के बाद किया गया कि डंडों, पत्थरों और पेट्रोल बमों से लैस कश्मीरी नौजवान राष्ट्रीय राजमार्ग की तरफ जाने वाली सड़कों पर गश्त कर रहे हैं और लोगों को उनके घरों से निकलने या श्रीनगर की तरफ जाने से रोक रहे हैं।
ऐसी जानकारी मिली थी कि वानी की मौत के बाद पैदा हुई अशांति के बाद से अब तक करीब 100 आतंकवादी दक्षिण कश्मीर में दाखिल हो चुके हैं। इनके शोपियां, पुलवामा, त्राल, कुलगाम, अनंतनाग जैसे इलाकों में छिपे होने की आशंका है। अधिकारियों ने कहा कि चिनार और देवदार के पेड़ों से भरे जंगल आतंकवादियों को नए लड़कों को ट्रेनिंग देने के लिए मनमाफिक माहौल मुहैया कराते हैं। ऐसी सूचना थी कि शोपियां जिले के कमला जंगल में आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी जा रही है, लेकिन जब वहां छापेमारी की गई तो कोई नहीं मिला। खबरों के मुताबिक, मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के पाखरपुरा से आतंकवादी दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में दाखिल हो गए और बाद में वे अन्य इलाकों में फैल गए।