New Delhi: एक तरफ पूरा देश धर्म को लेकर विवाद कर रहा है तो वहीं कश्मीरियों ने एक बार फिर भाईचारे का मिसाल कायम किया है। यहां हजारों मुसलमान एक कश्मीरी पंडित के अंतिम संस्कार में शामिल हुए और एकता का संदेश दिया।अभी-अभी: यूपी विधानसभा के विपक्ष नेता की कुर्सी के पास हुआ खतरनाक विस्फोट
दरअसल, 90 के दशक में जब इस्लामिक कश्मीरी आतंकवाद की वजह से लाखों कश्मीरी पंडित पलायन किए थे तब से तेज किशन नाम के पंडित ने कश्मीर में ही रहने का फैसला किया था। 50 साल के कश्मीरी पंडित तेज किशन करीब डेढ़ साल से बीमार थे।
कश्मीर जो मु्स्लिम बहुत क्षेत्र माना जाता है। शुक्रवार को पंडित की मौत होने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में उनके घर जुटे। इतना ही नहीं सभी मुसलमानों ने एकता की मिसाल कायम करते हुए हिंदू रीति रिवाजों से उनका अंतिम संस्कार भी किया।मृत पंडित तेज किशन के भाई जानकी नाथ मुसलमानों के इस भाईचारे से बेहद प्रसन्न हुए उन्होंने कहा- ये है असली कश्मीर। आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि ये हमारी संस्कृति है और हमारे बीच धर्म को लेकर लड़ाई नहीं है हम सब भाई हैं। हम बंटवारे की राजनीति में विश्वास नहीं रखते।
मिली जानकारी के मुताबिक लोगों ने बताया कि पंडित के अंतिम संस्कार में शामिल अधिकांश लोग मुसलमान थे। मुसलमानों ने ही मिलकर सारे काम किए। मुस्लिमों ने कहा कि हम उन सभी घटनाओं की निंदा करते हैं जो भाई को भाई से अलग कर रहे हैं। हम सभी यहां शांति और प्रेमभाव से रहते हैं।तेज किशन का कहना था कि उन्हें कश्मीर में मुसलमानों के बीच रहना बेहद पसंद है क्योंकि मुस्लिम सबे अच्छे दोस्त होते हैं जो धर्म को नहीं मानते। वह मुसलमान दोस्तों के साथ पले-बढ़े और उन्हीं के बीच मरना पसंद करेंगे।
किशन के भाई ने बताया कि जब उन्हें मौत की मिली तो सबसे पहले उनके मुस्लिम दोस्त हॉस्पिटल की तरफ दौड़े और उनकी शव अपनी साथ ही ले आए। इसके बाद मुसलमानों ने मस्जिद जाकर लाउडस्पीकर से सबको तेज किशन की मौत की सूचना दी।