दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकियों ने गुरुवार की रात भाजयुमो के जिला महासचिव समेत तीन कार्यकर्ताओं की गोली मार कर हत्या कर दी। घटना काजीगुंड इलाके की वाईके पोरा में उस समय हुई जब तीनों युवक कार में सवार होकर जा रहे थे। आतंकियों ने उनकी कार पर अंधाधुंध गोलियां दागी।
घटना के बाद सुरक्षाबलों ने हमलावरों की तलाश में पूरे इलाके को घेर लिया आतंकियों की तलाश में पूरे इलाके की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन चलाया गया। घटना की टीआरएफ ने जिम्मेदारी ली है। आतंकी संगठन ने कहा कि वे पहले भी धमकी दे चुके हैं, लेकिन सत्ता तथा पैसे के प्रभाव में उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। आज की घटना लोगों के लिए कड़ी चेतावनी है। साथ ही आम जनता को आगाह किया जाता है कि वे मारे गए भाजयुमो कार्यकर्ताओं के जनाजे में भी शामिल न हों।
मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं में भाजयुमो जिला महासचिव फिदा हुसैन इट्टू व उमर रमजान हज्जाम (दोनों निवासी वाईके पोरा) तथा उमर रशीद बेग (सोपट) शामिल हैं। बताते हैं कि तीनों कार से कहीं जा रहे थे। आतंकियों ने पहले उन्हें रोका उसके बाद में कार पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इसके चलते तीनों लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़े। इसके बाद आतंकी मौके से भाग निकले।
फायरिंग की आवाज होते ही लोग घरों से बाहर निकल आए। उन्होंने खून से लथपथ तीनों युवाओं को फौरन अस्पताल पहुंचाया। काजीगुंड इमरजेंसी अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. असीमा नजीर ने बताया कि तीनों अस्पताल में मृत अवस्था में लाए गए थे। पुलिस ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
आतंकियों ने पहले भी लोगों को राजनीतिक दलों खासकर भाजपा से दूरी बनाने की चेतावनी दी थी। चेताया था कि यदि लोग बाज नहीं आए तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा। इस संबंध में कुछ स्थानों पर पोस्टर भी चस्पा किए गए थे।
कुलगाम के जिला भाजपा अध्यक्ष आबिद ने एक सप्ताह पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि जिले में भाजपा कार्यकर्ता सुरक्षित नहीं हैं। क्योंकि उन्हें सुरक्षा प्रदान नहीं की गई है। ज्ञात हो कि कश्मीर में अन्य सभी जिलों के भाजपा अध्यक्ष को सुरक्षा मुहैया है, जबकि कुलगाम में नहीं।
आतंकियों ने कुछ महीने पहले बांदीपोरा में भाजपा नेता वसीम बारी, उनके भाई व पिता की हत्या कर दी थी। इसके बाद भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव राममाधव, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने उनके घर पर जाकर श्रद्धांजलि दी थी। साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं को सुरक्षा मुहैया कराने के प्रति चिंता जताई थी। दरअसल वसीम बारी तिरंगा उठाता रहा था। इस वजह से वह आतंकियों की आंख में चुभ रहा था।
मारे गए तीनों भाजयुमो कार्यकर्ता परिवार के इकलौते बेटे थे। इस बीच घाटी में जून से आतंकियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं। अब तक आठ भाजपा कार्यकर्ताओं व नेताओं की आतंकियों ने हत्या कर दी गई है।