नाग अश्विन के निर्देशन में बनी फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’ बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन कर रही है। प्रभास, दीपिका पादुकोण, अमिताभ बच्चन और कमल हासन अभिनीत इस फिल्म को देश समेत दुनियाभर के दर्शकों का प्यार मिल रहा है। वहीं, टीवी के भीष्म यानी कि मुकेश खन्ना ने फिल्म को लेकर एक बयान दिया था, जिसके बाद उनकी कड़ी आलोचना होने लगी थी। अब उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी है। आइए जानते हैं कि अभिनेता ने क्या कहा है।
मुकेश खन्ना को फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’ की समीक्षा में यह कहने के बाद कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा कि यह फिल्म “पश्चिम के बुद्धिमान लोगों” के लिए बनाई गई है और ओडिशा और बिहार के लोग इसे नहीं समझ पाएंगे। हालांकि, अब उन्होंने अपना बयान स्पष्ट करते हुए कहा है कि उनका ओडिशा और बिहार के लोगों को नीचा दिखाने का कोई इरादा नहीं था।
अभिनेता ने लिखा, “मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला कि ओडिशा और बिहार के लोगों का मानना है कि मैंने फिल्म कल्कि की समीक्षा करते हुए उनकी बुद्धि का अपमान किया है। यह एक बहुत बड़ी गलतफहमी है, जिसे मैं स्पष्ट करना चाहता हूं।”
उन्होंने आगे बताया, “मैंने कल्कि की दो कमियां गिनाई थीं, उनमें से एक यह थी कि इसमें महाभारत के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और दूसरी यह कि फिल्म का पहला भाग उबाऊ और भ्रमित करने वाला था जिसे आम आदमी शायद समझ न सके।” उन्होंने कहा, “मैंने ओडिशा और बिहार के ग्रामीण लोगों को उदाहरण के तौर पर पेश किया और बताया कि हॉलीवुड शैली का पहला भाग कई लोगों को समझ में नहीं आएगा, जो कि फिल्म की कमजोरी है। मेरे साथ फिल्म देखने वाले मेरे स्टाफ के सदस्यों को पहला भाग समझ में नहीं आया और उनमें से कुछ तो सो भी गए। उसमें से तीन बिहार के थे।”
उन्होंने कहा, “मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मेरा मानना है कि यह फिल्म की कमजोरी है, लेकिन मैंने कहीं भी लोगों की बुद्धि का मजाक नहीं उड़ाया। मैं चुनाव प्रचार और कार्यक्रमों के लिए ओडिशा और बिहार गया हूं, मैं पुरी मंदिर भी गया हूं। मैं उनके बारे में बुरा क्यों बोलूंगा? यह मामला फिल्म के बारे में था और मैं फिल्म के बारे में बुरा बोल रहा था, बिहार या ओडिशा के लोगों के बारे में नहीं।”