इस वर्ष का आखिरी प्रदोष व्रत 23 दिसंबर को है। यह प्रदोष व्रत सोमवार के दिन पड़ रहा है और सोमवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष कहते हैं। सोम प्रदोष व्रत भगवान शिव भक्तों के लिए खास है। इस दिन भोलेनाथ की पूजा करने वाले लोगों को डबल फायदा होने वाला है। इस दिन जो भी व्यक्ति भगवान शिव की पूजा करेगा और व्रत रखेगा उस पर भोलेनाथ की विशेष कृपा बनी रहेगी।

प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत के दिन शिव जी के साथ माता पार्वती की भी पूजा होती है। इस व्रत को करने से भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्न होकर आपकी सारी इच्छाओं को पूरा करते हैं। इस दिन श्रद्धा पूर्वक व्रत करने से रुके हुए कार्यों में सफलता मिलती है। इस दिन विधि-विधान से व्रत करने से आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। भगवान आपको मनोवांछित फल देते हैं।
प्रदोष व्रत के दिन शिव जी के साथ माता पार्वती की भी पूजा होती है। इस व्रत को करने से भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्न होकर आपकी सारी इच्छाओं को पूरा करते हैं। इस दिन श्रद्धा पूर्वक व्रत करने से रुके हुए कार्यों में सफलता मिलती है। इस दिन विधि-विधान से व्रत करने से आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। भगवान आपको मनोवांछित फल देते हैं।
पूजा विधिइस दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद सफेद वस्त्र धारण करना चाहिए।
इसके बाद मन में भगवान शिव का नाम जपते रहना चाहिए।
इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर पूजा करना ज्यादा फलदायक होता है।
शंकर भगवान के प्रिय चीजों को पूजा में शामिल करें।
पूजा के दौरान कच्चा दूध, सफेद फूल, बेल पत्र, दही, चंदन, भांग अर्पित करने से शिव जी खुश होते हैं।
साथ में गंगाजल ले जाना न भूलें।
उपायहिंदू पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत महीने में दो बार आता है। इस व्रत को करने के दौरान अगर लोहा, तिल, काली उड़द, शकरकंद, मूली, कंबल, जूता और कोयला आदि चीजों का दान किया जाए तो शनि ग्रह से मुक्ति मिलती है।