मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण (तीन तलाक) विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो गया था, लेकिन यह राज्यसभा में पारित नहीं हो सका था. संसद में गुरुवार को तीन तलाक बिल पर हंगामे होने के आसार हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तीन तलाक बिल को लोकसभा में प्रस्तुत करने जा रही है. भाजपा ने इसके लिए अपने सांसदों को व्हिप जारी कर दिया है. इस व्हिप में भाजपा ने सभी सांसदों को उपस्थित रहने को कहा गया है.
संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने जानकारी देते हुए कहा है कि 27 दिसंबर को तीन तलाक बिल पर एक अध्यादेश लोकसभा में बिल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा. इसके लिए भाजपा सांसदों को व्हिप जारी कर दिया गया है. लोकसभा में तीन तलाक पर रोक संबंधी विधेयक पर चर्चा करने के लिए सरकार व विपक्ष सहमत हो गई है. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी तीन तलाक के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार कड़े प्रावधानों वाला यह अध्यादेश 19 सितंबर को लेकर आई थी. दरअसल, उस समय संसद की कार्यवाही नहीं चल पा रही थी, इसलिए अध्यादेश लाया गया था, अब इन्हीं संशोधनों को स्थायी कानून का रूप देने के लिए सरकार नए सिरे से विधेयक लेकर आई है.
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तीन तलाक के तीन महत्वपूर्ण बिंदु हैं, जिसमें पत्नी, रक्त संबंध के सम्बन्धी और शादी के बाद बने रिश्तेदार ही तीन तलाक की शिकायत कर सकते हैं. शिकायत दर्ज होने के बाद मजिस्ट्रेट की अदालत पत्नी की दलील सुनने के बाद ही जमानत पर सुनवाई करेगी. इसके बाद मजिस्ट्रेट यह सुनिश्चित करेगी कि पीड़िता को पति से आर्थिक सहायता दिलवाई जाए, इस मामले में तीन साल सजा का प्रावधान है.