कर्नाटक के प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन ने कहा है कि कोरोना काल में राज्य के निजी स्कूलों को गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। अभिभावकों द्वारा फीस न देने की वजह से कुछ स्कूल बंद हो गए हैं। कर्नाटक में निजी स्कूलों को दिसंबर तक बंद रखने का फैसला लिया गया है।

एएनआई से बात करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष शशि कुमार ने कहा, ‘शिक्षक ऑनलाइन कक्षाओं के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहे हैं, लेकिन हम उन्हें न्यूनतम वेतन भी देने में असमर्थ हैं।’ उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है। 60 फीसद से अधिक माता-पिता ने अपने बच्चों की फीस का भुगतान नहीं किया है। राज्य में 20,000 से अधिक स्कूल हैं और इनमें से लगभग 18,000 निजी स्कूल हैं जो मासिक शुल्क पर निर्भर हैं।
बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से राज्य में निजी स्कूल दिसंबर तक बंद हैं। सरकार ने तकनीकी सलाहकार समिति की सिफारिश के बाद स्कूलों को दिसंबर तक बंद रखने का निर्णय लिया था।कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा ने कहा था, ‘विशेषज्ञों ने कहा है कि हमें दिसंबर के अंत तक स्कूल खोलने को लेकर कोई फैसला नहीं लेना चाहिए। हम फिर से मिलेंगे और स्थिति के संबंध में समय पर उचित निर्णय लेंगे।
कर्नाटक में मंगलवार को कोरोना वायरस के 1,330 नए मामले सामने आए हैं। इसको मिलाकर राज्य में संक्रमितों की संख्या 8 लाख 86 हजार 227 हो गई है। राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अनुसार, 24 घंटे में कोरोनो वायरस से संबंधित 14 मौतें दर्ज की गई हैं और इस दौरान 886 लोग ठीक भी हुए हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि राज्य में मंगलवार तक कोरोनो वायरस के 23,709 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं। कुल मिलाकर 8 लाख 50 हजार 707 लोग संक्रमण से उबर चुके हैं, वहीं अब तक वायरस के कारण 11,792 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। पिछले हफ्ते, कर्नाटक के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ के सुधाकर ने कहा था कि राज्य ने भारत सरकार की सलाह के अनुसार कोरोना वैक्सीन वितरण के लिए आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है।
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