आम आदमी पार्टी से बागी हुए दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को चिट्ठी लिखकर विधानसभा के विशेष सत्र की मांग की है. उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व मंत्री सत्येंद्र जैन के भ्रष्टाचार, हवाला, काले धन, विदेश यात्राओं और सगे संबंधियों को लाभ पहुंचाने के सबूत रखने हेतु यह विशेष सत्र जनता के बीच आयोजित करने का अनुरोध किया है.

विधानसभा अध्यक्ष को लिखे लेटर में कपिल ने कहा है कि इस विशेष सत्र में व्हिप की बाध्यता न रखी जाए. कपिल ने अपने लेटर में लिखा है, ‘ अरविंद केजरीवाल जी ने सरकार बनने से पहले हमेशा कहा कि विधानसभा का सत्र जनता के बीच रामलीला मैदान में लगना चाहिए. उनका मानना था कि जब चारों तरफ हजारों लोग बैठे हों, तब नेता सदन में झूठ बोलने की हिम्मत नहीं कर सकता. मैं निवेदन करता हूं कि हवाला, काले धन व विदेश यात्राओं के मामले सीधे-सीधे देश से जुड़े हुए हैं. इन मामलों में सदन में चर्चा व वोटिंग आवश्यक हैं.
कपिल ने कहा, ‘मैं इन मामलों से जुड़े सारे दस्तावेज रामलीला मैदान में जनता की मौजूदगी में सदन के पटल पर रखूंगा. मुझे लगता है अगर अरविंद केजरीवाल ईमानदार है और उन्हें अपनी व सत्येंद्र जैन की बेगुनाही पर भरोसा है तो इस प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार कर लेंगे. मेरा ये भी निवेदन है कि जिस दिन रामलीला मैदान में इस सत्र का आयोजन हो उस दिन वोटिंग के दौरान व्हिप की बाध्यता न रखी जाए.’
गौरतलब है कि कपिल मिश्रा दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए लगातार हमले बोल रहे हैं. कपिल मिश्रा ने केजरीवाल के खिलाफ टैंकर घोटाले की जांच प्रभावित करने, रिश्वत लेने, जनता के पैसे विदेश यात्राओं पर खर्च करने, पार्टी फंडिंग से लेकर मोहल्ला क्लिनिक में घोटाले के आरोप लगाए हैं. मंत्री पद से हटाए जाने के बाद कपिल ने आरोप लगाया था कि टैंकर घोटाले की रिपोर्ट पर ACB को लिखे खत के कारण उन्हें पद से हटाया गया. इसके बाद कपिल मिश्रा ने अपने आवास पर अनशन शुरू कर दिया था.
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