ओडिशा के कालाहांडी जिले में करलापट वाइल्डलाइफ सेंचुरी में पिछले 11 दिनों में चार मादा हाथियों की मौत हो गई है। गुरुवार को एक और ताजा हाथी की मौत की सूचना मिली, वन अधिकारियों ने सेंचुरी के अंदर जल निकाय के पास एक मादा हाथी का शव मिला।
अधिकारियों ने बताया कि इसी तरह घसूरीगु़ड़ी इलाके पास ही नौ और दस फरवरी को एक हाथी की मौत और दर्ज की गई थी। जानकारी के मुताबिक, एक फरवरी को हाथी की मौत का पहला मामला सामने आया था, जब अधिकारियों ने तेतुलीपड़ा गांव के पास एक मादा हाथी की मौत दर्ज की थी।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक शशि पाल ने कहा कि हाथियों की मृत्यु किसी जीवाणु संक्रमण की वजह से हो रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा माना जा रहा है कि जंगल में जल निकाय संक्रमित हो गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि एक मृतक मादा हाथी गर्भवती थी और उसकी मृत्यु सेप्टीसीमिया की वजह से हुई है।
कालाहांडी के डिविजनल वन अधिकारी अशोक कुमार का कहना है कि जानवरों के डॉक्टर द्वारा मृतक हाथियों का पोस्टमार्टम किया गया है और अभी औपचारिक रिपोर्ट का आना बाकी है। ओडिशा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी (OUAT) के पशु चिकित्सा कॉलेज में पहले दो हाथियों का एंथ्रेक्स के लिए टेस्ट रिजल्ट नकारात्मक आया। हालांकि लैब इसको लेकर अभी भी टेस्ट कर रहा है।
डीएफओ अशोक कुमार ने जानकारी दी कि अभी के लिए गांव वालों को वन में अपने पशुओं के प्रवेश करने से मना कर दिया है। क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि वन के अंदर जल निकाय किसी वायरस से संक्रमित हो गए हैं, जिसे पीकर मादा हाथियों की मौत हुई है।
उन्होंने बताया कि वन अधिकारियों को जमीनी स्तर पर सर्वे करने और हाथियों के झुंड की ट्रेकिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके आगे अशोक कुमार ने कहा कि अभी तक इस बात का नहीं पता चला कि इस वायरस से जंगल में जानवरों की कोई दूसरी प्रजाति संक्रमित हुई है या नहीं।