‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अब दुनिया में पाकिस्तान को बेनकाब करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए सरकार दुनिया के अलग अलग देशों में अपना प्रतिनिधिमंडल भेज रही है। सांसदों के सात प्रतिनिधिमंडल दुनियाभर के देशों में जाकर आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का पक्ष रखेंगे और पाकिस्तान का पर्दाफाश करेंगे। हर प्रतिनिधिमंडल चार से पांच देशों का दौरा करेगा।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सिलसिले में संसदीय प्रतिनिधिमंडल में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी सांसद अभिषेक बनर्जी पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे। टीएमसी ने ‘X’ पर लिखा, ‘हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की वैश्विक पहुंच के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने के लिए राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को नामित किया है।’
तृणमूल ने आगे कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया को आतंकवाद के बढ़ते खतरे का सामना करने के लिए एकजुट होना चाहिए, अभिषेक बनर्जी का प्रतिनिधिमंडल से जुड़ना दृढ़ विश्वास और स्पष्टता दोनों लाता है। उनकी उपस्थिति न केवल आतंकवाद के खिलाफ बंगाल के दृढ़ रुख को दर्शाएगी, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की सामूहिक आवाज को भी मजबूत करेगी।
32 देशों और बेल्जियम के ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ के मुख्यालय का दौरा
बैजयंत पांडा (भाजपा), रविशंकर प्रसाद (भाजपा), संजय कुमार झा (जदयू), श्रीकांत शिंदे (शिवसेना), शशि थरूर (कांग्रेस), कनिमोझी (डीएमके) और सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी) के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल कुल 32 देशों और बेल्जियम के ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ के मुख्यालय का दौरा करेंगे।
मदद के लिए एक पूर्व राजनयिक भी साथ होंगे
प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में छह से आठ राजनेता शामिल हैं। उनकी मदद के लिए एक पूर्व राजनयिक भी साथ होंगे। 51 राजनेताओं में से 31 सत्तारूढ़ एनडीए का हिस्सा हैं, जबकि शेष 20 गैर-एनडीए दलों से हैं। सभी सात प्रतिनिधिमंडलों में कम से कम एक मुस्लिम प्रतिनिधि है, जो या तो राजनेता या राजनयिक हैं।
‘एक मिशन। एक संदेश। एक भारत।’
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘एक मिशन। एक संदेश। एक भारत। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही ऑपरेशन सिंदूर के तहत प्रमुख देशों से मिलेंगे, जो आतंकवाद के खिलाफ हमारे सामूहिक संकल्प को दर्शाता है।’ प्रतिनिधिमंडल में पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, एम जे अकबर, आनंद शर्मा, वी मुरलीधरन, सलमान खुर्शीद और एसएस अहलूवालिया शामिल भी हैं, जो वर्तमान में संसद के सदस्य नहीं हैं।