गुजरात हाईकोर्ट ने ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस विक्रमनाथ की पीठ ने शुक्रवार को एक याचिका पर कहा कि लंबे समय तक ऑनलाइन पढ़ाई करने से बच्चों की आंखें खराब हो सकती हैं। इससे निपटने के लिए सरकार की क्या नीति है?
चीफ जस्टिस विक्रमनाथ की पीठ उस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया कि अनलॉक-1 की अवधि में स्कूल-कॉलेज खोलने की इजाजत सरकार ने नहीं दी है। वहीं, निजी स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं ताकि ज्यादा फीस वसूल सकें।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने फीस के संबंध में कहा कि फीस के बारे में निर्णय लेने का अधिकार सरकार के पास है। सरकार को प्रयास करना चाहिए कि अभिभावकों पर ज्यादा असर न पड़े। संचालकों के साथ विमर्श कर सरकार को निर्णय करना चाहिए।
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी रोग अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार राज्य सरकार को कोई भी फैसला लेने की शक्ति प्राप्त है। अगर स्कूल बंद हों तो केवल ट्यूशन फीस ली जा सकती है, लेकिन अन्य फीस वसूल नहीं की जा सकतीं।
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