ऑटो एक्सपो में पसंदीदा वाहनों को देखने के लिए रविवार को करीब 80 हजार लोग भारत मंडपम में पहुंचे। इस दौरान सुबह से ही गेट नंबर 10, छह और चार नंबर पर लंबी लाइन दिखी। गेट नंबर 10 और छह पर लोगों की करीब एक किलोमीटर लंबी लाइन रही। हालत यह थी कि प्रशासन को दिन में कई बार प्रवेश द्वार बंद करने पड़े। ऑटो एक्सपो में सबसे ज्यादा भीड़ लग्जरी कार के हॉल में दिखी। उसके बाद लोग बाइक, ई-स्कूटी व ई-बाइक का दीदार करते हुए नजर आए। ज्यादातर लोग इनके फीचर के बारे में जानकारी ले रहे थे। एक्सपो में बीते दो दिन में 90 उत्पाद लांच हुए। 17 जनवरी को 34 और 18 जनवरी को 56 उत्पाद लांच हुए। इन दोनों दिनों में नए लांच वाहनों को देखने के लिए अधिक भीड़ रही।
पेंटोग्राफ से चार्ज होगा ट्रक, 6 गुना कम समय लगेगा
आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिक ट्रक पेंटोग्राफ की मदद से चार्ज होगा। ऑटो एक्सपो में आईआईटी मद्रास और एआरएआई ने ओवरहेड चार्जिंग डिवाइस प्रस्तुत किया है। इसकी मदद से ई-बस व ई-ट्रक को छह गुना कम समय में चार्ज किया जा सकेगा। कंपनी के अधिकारी ने बताया कि ई-ट्रक व ई-बस को इस उपकरण के नीचे लाकर पार्क करना होगा। उसके बाद उपकरण बैटरी की जरूरत के आधार पर उसे चार्ज कर देगा। मौजूदा समय में जिस वाहन को चार्ज होने में तीन घंटे का समय लगता था, उसे आधे घंटे में ही फुल चार्ज कर देगा। इसकी मदद से प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए शून्य-उत्सर्जन वाहन की उपलब्धता बढ़ जाएगी।
गाड़ी की तरह ट्रैक होगी बैटरी
आने वाले दिनों में ई-वाहन की बैटरी चोरी होने का डर नहीं होगा। कंपनी ने बैटरी की लाइव ट्रैकिंग करने के लिए अपग्रेड किया है। युमा एनर्जी के एमडी और महाप्रबंधक मुथु सुब्रमण्यन ने बताया कि कंपनी ने उत्पाद लांच किए हैं। इन बैटरी में सिम लगे हुए हैं। इसकी मदद से बैटरी को लाइव ट्रैक कर सकेंगे। हर पल पता चलेगा कि बैटरी की कैसी हालत है। यहां प्रस्तुत की गई बैटरी आकर में छोटी है। एक्सपो में जीओन ने नई इनोवेशन ईवी बैटरी को प्रस्तुत किया है। कंपनी के अधिकारी ने बताया कि यहां दोपहिया वाहनों से लेकर कमर्शियल वाहनों के लिए अनेक डिजाइन की बैटरी प्रस्तुत किए गए।
विदेशी को टक्कर दे रहा स्वदेशी चार्जर
देश में तेजी से बढ़ते ई-बाइक व ई-स्कूटी की मांग के साथ इनके चार्जर भी तैयार होने लगे हैं। एक्सपो में आए चार्जर बनाने वाली कंपनी के अधिकारी ने बताया कि पिछले दो साल में स्वदेशी चार्जर की तकनीक में सुधार आया है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इन चार्जर के प्वाइंट भी कॉमन हो जाएंगे। ऐसा होने पर सभी कंपनी के एक तरह के चार्जर होंगे।
ऑटोमोबाइल प्रेमियों के बीच विंटेज कार
आशीष सिंह, नई दिल्ली। ऑटो एक्सपो में ऑटोमोबाइल प्रेमियों के बीच ईवी ही नहीं बल्कि विंटेज कार व बाइक्स का भी क्रेज देखने को मिला। इसमें विंटेज वाहन लोगों की पुरानी यादें ताजा कर रही हैं। 1985 के दौरान सबको प्रभावित करने वाली बाइक आरएक्स 100 और आरडी 350 मॉडल प्रदर्शित किए गए हैं। अगर आप भी अपने बच्चों को पुराने दौर की कार व बाइक दिखाना चाहते हैं तो ऑटो एक्सपो आपके लिए खास है। हॉल नंबर 1 से 5 तक कार व बाइक निर्माता कंपनियों ने पुराने वाहनों को प्रदर्शित किया है। निर्माता कंपनी के अनुसार अब आधुनिक फीचर्स के साथ यह बाइक वापस आने की तैयारी में है।
इन बाइक को देखते ही लोगों के चेहरों पर उत्साह साफ झलक रहा है। बड़ी संख्या में लोग बेहतरीन और अलग लुक वाली कार के साथ फोटो खिंचाने के लिए जुट रहे हैं। ऑटो एक्सपो में एक कोना ऑटो इंडस्ट्री के सुनहरे अतीत के नाम है। विंटेज कारों में बेंटली, 1957, साल 1946 में बनी बेंटले मुल्लिनेर मार्क-6, पुरानी कार सहित कई विंटेज कारों के बारे में जानकारी दी गई है। यहां अनूठी और रौबदार कारें और बाइक्स को देखते ही लोग ठहर जाते हैं। इन्हें खरीदना लोगों का सपना था, लेकिन अब यह इतिहास बन गईं हैं। यादगार के तौर पर लोग इनकी तस्वीरें लेते नजर आए। नई और अत्याधुनिक कारों के बीच विंटेज कारों ने अपनी अलग ही पहचान बना रखी है।
इलेक्ट्रिक सिस्टम से पांच साल बढ़ जाएगी पंजीकरण की अवधि
ग्रेटर नोएडा (आशीष चौरसिया)। कॉमर्शियल डीजल-पेट्रोल वाहनों के पंजीकरण समाप्त होने पर उनमें इलेक्ट्रिक सिस्टम लगवाकर अब चालक वाहन के पंजीकरण की अवधि बढ़वा सकते हैं। नॉलेज पार्क स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर मार्ट में भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो में इस तकनीक को प्रदर्शित किया जा रहा है। इस तकनीक से कॉमर्शियल वाहनों की पांच वर्ष की पंजीकरण अवधि बढ़ने के साथ-साथ प्रति किलोमीटर पर 10 रुपये की बचत भी होगी। साथ ही बढ़ रहे प्रदूषण में कमी लाई जा सकेगी।
ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित इंडिया सेंटर एक्सपो मार्ट में रविवार को शुरू हुए भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो में आईएक्स एनर्जी के नाम शुरू किए गए स्टार्टअप की प्रदर्शनी लगी हुई है। स्टार्टअप के पदाधिकारी दिव्य बंसल ने बताया कि कॉमर्शियल डीजल-पेट्रोल वाहनों को इलेक्ट्रानिक में बदलने का शुरू करने का मुख्य मकसद है कि दिल्ली एनसीआर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेनो वेस्ट और गाजियाबाद समेत अन्य जनपदों में अवधि पूरी होने के बाद स्क्रैप करवा दिए जाते हैं।
वाहन स्वामियों को 10 रुपये प्रति किलोमीटर की होगी बचत
दिव्य बंसल ने बताया कि एक पेट्रोल-डीजल वाले डीसीएम वाहन को इलेक्ट्रिक में बदलने का पूरा सिस्टम लगाने में करीब 17.50 लाख रुपये का खर्च आता है। इसी तरह महिंद्रा सुप्रो में छह लाख, बोलेरो पिकअप में साढ़े नौ लाख और टाटा एसीई में छह लाख रुपये की लागत लगती है। इनमें लोडिंग की क्षमता उतनी ही रहती है जितनी कंपनी देती है। सबसे खास बात यह है कि जहां पर डीजल या पेट्रोल से चलने पर इन वाहनों में प्रति किलोमीटर करीब 15 रुपये खर्च आता है तो वहीं इलेक्ट्रिक वाहन में बदलने पर मात्र साढ़े चार रुपये प्रति किलोमीटर का खर्च आता है।