करवा चौथ का व्रत धार्मिक आस्था का प्रतीक है, इसी के चलते इसके साथ जुड़ी परंपराएं भी बेहद खास हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। वैसे तो इस दिन महिलाएं कुछ नहीं खातीं, लेकिन कई जगह करवा चौथ के मौके पर सरगी की परंपरा है। सरगी की थाली सास अपनी बहू को देती हैं। इस थाली में सुहाग के सामान के साथ खाने-पीने का सामान होता है, जिसे खाकर व्रत की शुरुआत की जाती है।
सरगी में मीठी मठरी का विशेष स्थान होता है। ये स्वाद में लाजवाब, पेट को भरे रखने वाली और आसानी से पचने वाली होती है। इसी के चलते यहां हम आपको बताएंगे आसान और पारंपरिक मीठी मठरी की रेसिपी, जिसे आज ही घर पर तैयार कर लें। हमारी बताई विधि से यदि आप मीठी मठरी तैयार करेंगी तो ये लंबे समय तक टिकी रहेगी।
मीठी मठरी बनाने का सामान
मैदा – 2 कप
सूजी (रवा) – 2 बड़े चम्मच
घी – 3 बड़े चम्मच (मोयन के लिए)
बारीक चीनी – 1 कप
पानी – ½ कप (चाशनी के लिए)
इलायची पाउडर – ½ छोटा चम्मच
तलने के लिए तेल या घी
विधि
मीठी मठरी बनाने का सबसे पहला स्टेप है मैदे को सही तरह से गूंथना। इसके लिए सबसे पहले एक बर्तन में मैदा और सूजी मिलाएं। उसमें मोयन के लिए घी डालें और हाथों से मिक्स करें। अब जरूरत के अनुसार थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर सख्त आटा गूंथ लें। इसे ढककर 15–20 मिनट तक रख दें।
अब मैदे की छोटी-छोटी लोइयां बनाएं और उन्हें मोटा बेलें। आप चाहे तो गोल या चौकोर आकार दे सकते हो। कांटे से हल्के-हल्के छेद कर लो ताकि तलते समय फूले नहीं। कढ़ाही में तेल या घी गरम करें। मठरियों को धीमी आंच पर धीरे-धीरे सुनहरा होने तक तलें। इन्हें टिशू पेपर पर निकाल कर ठंडा होने दें।
अब बारी है चाशनी बनाने की तो उसके लिए एक पैन में 1 कप चीनी और ½ कप पानी डालें। धीमी आंच पर चाशनी पकाएं जब तक उसमें एक तार की चाशनी बन जाए। अब इसमें इलायची पाउडर डाल दें।
ठंडी मठरियों को गरम चाशनी में 2–3 मिनट के लिए डुबोकर चलाएं ताकि हर मठरी पर चाशनी अच्छे से चढ़ जाए। फिर मठरियों को एक थाली या ट्रे में अलग-अलग रखें। 20–30 मिनट में चाशनी सूख जाएगी और मठरी पर सफेद मीठी परत जम जाएगी। बस इसे स्टोर करे सरगी के लिए रख लें।