बीजेपी के बाहुबली विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर लगा रेप का अाराेप 11 महीने पुराना है। इस मामले में जब पुलिस ने एफआईआर नहीं लिखी ताे कोर्ट के अादेश पर मुकदमा दर्ज किया गया था। अचानक से धधक उठे इस मामले ने सभी काे चाैका दिया है। हर जुबां पर एक ही सवाल है अाखिर इतने दिनाें बाद क्याें यह मामला गर्माया।
उन्नाव जून 2017 में गर्माए किशोरी से रेप के मामले में आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर, उनके भाई अतुल सिंह समेत विधायक के कई गुर्गों के खिलाफ कार्रवाई तो दूर केस दर्ज करने से भी पुलिस बचती रही। यहां तक कि 156 (3) के तहत दी गई अर्जी पर जब कोर्ट ने एफआईआर का निर्देश दिया तो भी विवेचना में प्रभावशाली लोगों को किनारे कर दिया।
यही नहीं रेप पीड़िता के पिता के साथ कोर्ट से लौटते समय हुई मारपीट में इकतरफा कार्रवाई करते हुए जख्मी पिता को ही जेल भेज दिया। हिरासत में उसकी मौत के बाद लखनऊ का दबाव बढ़ा तब पुलिस यूटर्न लेने के लिए मजबूर हुई। तेजी पकड़ते हुए सोमवार रात मृतक की पत्नी से नई तहरीर लेकर अतुल के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया। मंगलवार को अचलगंज क्षेत्र से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया।
एक दिन पहले यानी सोमवार को गिरफ्तार किए गए विधायक के करीबी अतुल सिंह, विनीत, सेनू, बउआ और शैलू को भी हत्या का मुल्जिम बनाया गया है। इन सभी को मंगलवार दोपहर बाद से शाम तक सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। सीजेएम के निर्देश पर पांचों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। विधायक के भाई की गिरफ्तारी होने के फौरन बाद न्यायिक परिसर ही नहीं अस्पताल में भी पुलिस की मुस्तैदी बढ़ा दी गई।
पुलिस को डर था कि कि विधायक समर्थकों का हुजूम इन दोनों जगहों पर जुट सकता है। अतुल को गिरफ्तार कर दोपहर 2:40 बजे हसनगंज सीएचसी लाया गया। वहां मेडिकल कराने के बाद शाम करीब 6 बजे पुलिस न्यायिक परिसर पहुंची और सीजेएम कोर्ट में पेश किया। एसपी पुष्पांजलि इस दौरान पुलिस मुस्तैदी की खबर लेती रहीं।
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