सुन्नी स्टूडेंट्स फेडरेशन (एसएसएफ) ने कहा है कि देश की सत्तारूढ़ व्यवस्था को सही करना चाहिए लेकिन उसके लिए राष्ट्र में नफरत नहीं फैलाना चाहिए। ए पी कंथापुरम की छात्र शाखा एसएसएफ के राज्य सम्मेलन में रविवार को एक प्रस्ताव पारित किया गया।
समस्त केरल जेम-इय्याथुल उलमा के अबूबकर मुसलियार गुट ने कहा कि सरकार की नीतियों का विरोध करने के लिए देश को बदनाम करने की जरूरत नहीं है।
प्रस्ताव में लिखा गया कि सत्तारूढ़ सरकार को सुधारा जाना चाहिए लेकिन इसके लिए देश के खिलाफ नफरत पैदा करने की जरूरत नहीं है। देश और उसकी सत्तारूढ़ व्यवस्था को दो अलग-अलग संस्थाओं के रूप में देखा जाना चाहिए और सरकार की नीतियों का विरोध करने के लिए देश को बदनाम करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
फेडरेशन की ओर से कहा गया कि सरकार के खिलाफ कड़ी आलोचना करते हुए भी राष्ट्र के मूल्यों को बिना किसी समझौते के बनाए रखा जाना चाहिए। प्रस्ताव में कहा गया है, “संघ परिवार की नफरत की राजनीति का मुकाबला नफरत फैलाने वाली नीति से नहीं किया जाना चाहिए। देश उसकी सरकार नहीं है, हमारा देश युगों से धर्मनिरपेक्ष रहा है। उस संस्कृति को कलंकित नहीं किया जाना चाहिए।”