कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शनिवार को जब एयरपोर्ट से उड़ान भरने पहुंची तो उनका सामना डॉग स्क्वायड जॉनी से हुआ। एयरपोर्ट पर नेताओं से मुलाकात के दौरान वीआईपी लाउंज में जॉनी को देख दुलारने लगीं। यह देख कई नेताओं ने अपने मोबाइल से इस दृश्य को कैमरे में कैद किया। इसके बाद प्रियंका ने विस्तारा के विमान से उड़ान भरी। लेब्राडोर प्रजाति की जॉनी इस मई माह में रिटायर भी हो जाएगी।
सीरगोवर्धन पहुंचने पर मुख्य द्वार पर ट्रस्ट की ओर से प्रियंका गांधी का स्वागत हुआ। प्रियंका गांधी ने संत रविदास की प्रतिमा के सामने मत्था टेककर आशीर्वाद लिया। इसके बाद मंदिर में संत निरंजन दास से आशीर्वाद लिया। संत निरंजन दास ने कुशल क्षेम पूछते हुए लंगर छकने के लिए पूछा तो प्रियंका ने कहा कि सत्संग पंडाल से लौटते समय प्रसाद ले लेंगी। सत्संग पंडाल से लौटने के बाद प्रियंका ने लंगर छका और शहर की ओर रवाना हो गईं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सत्संग हाल में जय गुरुदेव का जयघोष किया। इस दौरान उन्होंने कहा संत रविदास ने जो सिखाया, वह सच्चा धर्म है। उसे आप निभा रहे हैं। सच्चा धर्म हमेशा सरल होता है। उसमें कोई राजनीति नहीं होती। कोई भेदभाव नहीं होता। किसी का संप्रदाय नहीं देखा जाता। किसी की जाति नहीं देखी जाती, सिर्फ इंसानियत देखी जाती है।
सच्चे धर्म को जब आप दिल में धारण करते हैं तो आपके मन में दया, करुणा, सच्चाई और सेवा का भाव जाग उठता है। जो सच्चा धर्म होता है, कभी बैर नहीं रख सकता है। कभी लोगों को अलग नहीं कर सकता। लोगों को तोड़ नहीं सकता। उसका स्वभाव होता है कि मन को शीतल बनाए और करुणा जगाए। लोगों को भाइयों और बहनों की तरह जोड़ता है। आप सभी को धन्यवाद जिन्होंने इस देश में सच्चा धर्म कायम रखा है। इसके पीछे ना कोई राजनीति है ना कोई मकसद है। यह वह धर्म है जिसको संत रविदास ने सिखाया। सभी की सेवा होनी चाहिए, सभी को अन्न मिलना चाहिए और सभी के सिर पर छत होनी चाहिए।
आपका समाज सेवा भाव से काम कर रहा है। संत शिरोमणि की जो ख्वाहिश थी कि आपस में प्रेम हो, सद्भाव हो, एक दूसरे की सेवा की जाए। यह ख्वाहिश राजनीति में भी कायम रहे, जो भी राजनीति में आते हैं, इसी सेवाभाव से काम करें। आपको इस पर्व पर शुभकामनाएं। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, पूर्व सांसद डॉ. राजेश मिश्रा, पूर्व विधायक अजय राय, डॉ. जितेंद्र सेठ, आशीष केशरी, मणिंद्र मिश्रा मौजूद थे।