कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मुख्यमंत्री सिद्दरमैया से उनकी पत्नी पार्वती समेत विभिन्न लोगों को मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा किए गए भू-आवंटन के संबंध में आरोपों पर कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। प्रदेश सरकार का कहना है कि राज्यपाल का कदम कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का प्रयास है। गुरुवार को राज्य की मंत्रिपरिषद ने कारण बताओ नोटिस पर विचार किया।
कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मुख्यमंत्री सिद्दरमैया से उनकी पत्नी पार्वती समेत विभिन्न लोगों को मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा किए गए भू-आवंटन के संबंध में आरोपों पर कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह कदम भाजपा विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा 25 जुलाई को एक ज्ञापन सौंपने के बाद उठाया गया है।
मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की
भाजपा ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने तथा मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की थी। इस कदम से सत्तारूढ़ कांग्रेस भड़क गई है। गुरुवार को प्रदेश सरकार ने राज्यपाल को सख्त लहजे में नोटिस वापस लेने की ‘सलाह’ दी।
राजभवन के सूत्रों ने कहा, ‘चूंकि एक ज्ञापन सौंपा गया है, तो ऐसे में मुख्यमंत्री से जवाब मांगना राज्यपाल के लिए जरूरी हो जाता है। उसी के अनुसार राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से जवाब देने को कहा है।’
कांग्रेस ने उठाए सवाल
गहलोत ने नोटिस में पूछा है कि कथित एमयूडीए भू-आवंटन घोटाले के संबंध में मुकदमा चलाने की अनुमति क्यों नहीं दी गई। प्रदेश सरकार का कहना है कि राज्यपाल का कदम कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का प्रयास है। गुरुवार को राज्य की मंत्रिपरिषद ने कारण बताओ नोटिस पर विचार किया।
मंत्रिपरिषद ने आरोप लगाया कि यह कदम राज्यपाल के संवैधानिक कार्यालय का घोर दुरुपयोग है और कहा कि राजनीतिक कारणों से कर्नाटक में विधिपूर्वक निर्वाचित बहुमत वाली सरकार को अस्थिर करने का सुनियोजित प्रयास किया जा रहा है।
डीके शिवकुमार ने कही ये बात
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने पांच घंटे चली मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद राज्यपाल के फैसले को लोकतंत्र और संविधान की हत्या करार दिया। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने राज्यपाल से नोटिस वापस लेने का ‘परामर्श’ दिया है। शिवकुमार ने कहा, ‘मुकदमे का तो सवाल ही नहीं उठता।’
उन्होंने कहा, ”मुझे उम्मीद है कि राज्यपाल नोटिस वापस ले लेंगे और किसी भी दबाव के बावजूद अपने पद की गरिमा बनाए रखेंगे।” उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सभी प्रक्रियागत आवश्यकताओं को दरकिनार करते हुए बहुत जल्दबाजी की।
एमयूडीए घोटाले के आरोप सिद्दरमैया पर लगे हैं
उल्लेखनीय है कि एमयूडीए घोटाले में आरोप लगाया गया है कि सिद्दरमैया की पत्नी पार्वती को मैसूर के एक पाश इलाके में प्रतिपूरक भूखंड आवंटित किया गया था, जिसका संपत्ति मूल्य उस स्थान की तुलना में अधिक था, जिसे एमयूडीए ने अधिग्रहित किया गया था। इस बीच, केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने मुख्यमंत्री सिद्दरमैया से इस्तीफा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों पर जांच का सामना करें।