पर्यावरण सुधार में मदद के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाते हुए एप्पल ने एक अरब डॉलर का अपना दूसरा ‘ग्रीन’ बॉन्ड जारी किया है। कंपनी का यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को यह संकेत देने के लिए भी है कि मशहूर प्रौद्योगिकी कंपनी एप्पल अभी भी जलवायु परिवर्तन की परवाह करती है। फॉर्च्यून पत्रिका की रपट के अनुसार, पिछले साल एप्पल ने अपने कामकाज को 100 फीसदी परिष्कृत ऊर्जा से संचालित करने के लिए 1.5 अरब डॉलर का ‘ग्रीन’ बॉन्ड जारी किया था, और कंपनी की यह नई पेशकश उसे बाजार में सबसे बड़े पैमाने पर अमेरिकी डॉलर जारी करने वाली एकल कंपनी के तौर पर स्थापित कर देगी।

एप्पल के पर्यावरण, नीति व सामाजिक पहल की उपाध्यक्ष लिजा जैक्सन ने एक बयान में कहा, “व्यापार समुदाय के नेतृत्व से जलवायु परिवर्तन के खतरे को दूर करना और हमारे साझी पृथ्वी की सुरक्षा करना आवश्यक है।” उन्होंने कहा, “हमारे साथ इस महत्वपूर्ण काम में शामिल होने के लिए निवेशकों को एक और मौका देने पर हमें गर्व है।” कंपनी की यह घोषणा ट्रंप की उस घोषणा के बाद आई है, जिसमें उन्होंने पेरिस जलवायु समझौते से अलग होने की घोषणा की थी। एप्पल ने उनके इस कदम का विरोध किया था।
माइक्रोसॉफ्ट और फेसबुक सहित एप्पल ने ट्रंप के इस कदम के विरोध में उन्हें एक पत्र भेजा था। पत्र में समूह ने लिखा था, “हमारा मानना है कि अमेरिका इस महत्वपूर्ण वैश्विक प्रयास में एक पूर्ण भागीदार रहते हुए वैश्विक नेतृत्व और अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाएगा।” वैश्विक स्तर पर ग्रीन बॉन्ड का बजार इस साल 200 अरब डॉलर से अधिक का हो सकता है, जो 2016 में जारी हुए 93 अरब डॉलर के मुकाबले दोगुना होगा।
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