हमारे शिक्षा गुरुओं ने भी अपने जीवन और सद्कार्यों के माध्यम से एकता की भावना को प्रगाढ़ किया है। पिछली शताब्दी में हमारे देश में डॉ. बाबा साहब आंबेडकर जैसी महान विभूतियां रही हैं, जिन्होंने हम सभी को संविधान के माध्यम से एकजुट किया।
केरल में जन्मे पूज्य आदि शंकराचार्य जी ने भारत की चारों दिशाओं में चार महत्वपूर्ण मठों की स्थापना की- उत्तर में बद्रिकाश्रम, पूर्व में पूरी, दक्षिण में श्रृंगेरी और पश्चिम में द्वारका। उन्होंने श्रीनगर की यात्रा भी की, यही कारण है कि वहां एक शंकराचार्य हिल है। तीर्थाटन अपने आप में भारत को एक सूत्र में पिरोता है। ज्योर्तिलिंगों और शक्तिपीठों की श्रृंखता भारत को एक सूत्र में बांधती है।
आज मन की बात में देशवासियों की असाधारण उपलब्धियां, हमारे देश, हमारी संस्कृति के अलग-अलग आयामों पर, आप सबसे बात करने का अवसर मिला। हमारा देश प्रतिभावान लोगों से भरा हुआ है। अगर, आप भी ऐसे लोगों को जानते हो, तो उनके बारे में बात कीजिए, लिखिए और उनकी सफलताओं को शेयर कीजिए।
मेरे प्यारे देशवासियो, लॉकडाउन के दौरान टेक्नोलॉजी-बेस्ड सर्विस डिलीवरी के कई प्रयोग हमारे देश में हुए हैं और अब ऐसा नहीं रहा कि बहुत बड़ी टेक्नोलॉजी और लॉजिस्टिक्स कंपनीज ही यह कर सकती हैं। साथियो, एग्रीकल्चर सेक्टर में नई संभवनाएं बनता देख, हमारे युवा भी काफी संख्या में इससे जुड़ने लगे हैं।
मेरे प्यारे देशवासियो आज, कश्मीर का पुलवामा पूरे देश को पढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज देश-भर में बच्चे अपना होम वर्क करते हैं, नोट्स बनाते हैं, तो कहीं-न-कहीं इसके पीछे पुलवामा के लोगों की कड़ी मेहनत भी है। साथियो, पुलवामा की अपनी यह पहचान तब स्थापित हुई है, जब, यहां के लोगों ने कुछ नया करने की ठानी, काम को लेकर रिस्क उठाया, और खुद को उसके प्रति समर्पित कर दिया। ऐसे ही कर्मठ लोगों में से एक हैं- मंजूर अहमद अलाई।
31 अक्तूबर को भारत की पूर्व- प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी को हमने खो दिया। मैं आदरपूर्वक उनको श्रद्धांजलि देता हूं।
साथियो, इस महीने की 31 तारीख को मुझे केवड़िया में ऐतिहासिक स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर हो रहे कई कार्यक्रमों में शामिल होने का अवसर मिलेगा। आप लोग भी जरूर जुड़िएगा। मेरे प्यारे देशवासियो, 31 अक्तूबर को हम ‘वाल्मीकि जयंती’ भी मनाएंगे। मैं महर्षि वाल्मीकि को नमन करता हूं और इस खास अवसर के लिए देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।
वैसे, ऐसी ताकतें भी मौजूद रही हैं जो निरंतर हमारे मन में संदेह का बीज बोने की कोशिश करते रहते हैं, देश को बांटने का प्रयास करते हैं। हमें निरंतर अपनी क्रिएटिविटी से, प्रेम से, हर पल प्रयासपूर्वक अपने छोटे से छोटे कामों में, ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के खूबसूरत रंगों को सामने लाना है, एकता के नए रंग भरने हैं, और हर नागरिक को भरने हैं। इस संदर्भ में, मैं, आप सबसे, एक वेबसाइट देखने का आग्रह करता हूं। इसमें नेशनल इंटीग्रेशन की हमारी मुहिम को आगे बढ़ाने के कई प्रयास दिखाई देंगे।
आज हमें अपनी वाणी, अपने व्यवहार, अपने कर्म से हर पल उन सब चीजों को आगे बढ़ाना है जो हमें ‘एक’ करें, जो देश के एक भाग में रहने वाले नागरिक के मन में, दूसरे कोने में रहने वाले नागरिक के लिए सहजता और अपनत्व का भाव पैदा कर सके हमारे पूर्वजों ने सदियों से ये प्रयास निरंतर किए हैं। त्रिपुरा से ले कर गुजरात तक, जम्मू-कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक स्थापित, हमारे, आस्था के केंद्र, हमें ‘एक’ करते हैं। भक्ति आन्दोलन पूरे भारत में एक बड़ा जन-आंदोलन बन गया, जिसने, हमें, भक्ति के माध्यम से एकजुट किया।