एक साल में 10 जल निकायों में पांच अरब लीटर से ज्यादा पानी का संचयन, एनजीटी को सौंपी रिपोर्ट

राजधानी में एक तरफ जहां गर्मियों के दौरान पानी की किल्लत लोगों को डराती है वहीं, दूसरी तरफ उप वन संरक्षक (दक्षिण) ने दावा किया है कि उन्होंने साल 2024-25 के मानसून के मौसम के दौरान 10 जल निकायों में पांच अरब लीटर से ज्यादा पानी का संचयन किया है। इसकी सटीक मात्रा 5,05,28,632 लीटर है। यह खुलासा राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को सौंपी रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इससे जैव विविधता के लिए स्वस्थ आवासों को संरक्षित करने में मदद मिली है।

अदालत को यह भी बताया गया है कि विचाराधीन सभी 10 जल निकाय असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य के हैं। ऐसे में आंकड़ों को आधिकारिक रिकॉर्ड में शामिल करने के लिए नम भूमि प्राधिकरण को पहले ही भेज दिया गया है। मामला एक मीडिया रिपोर्ट से जुड़ा है। अदालत ने स्वत: संज्ञान लेेते हुए 6 दिसंबर, 2024 के आदेश के माध्यम से उत्तर देने वाले प्रतिवादी को मामले में प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

रिपोर्ट में दावा किया गया था कि दिल्ली वन एवं वन्यजीव विभाग के अंतर्गत आने वाले असोला वन्यजीव अभ्यारण्य और दक्षिणी वन प्रभाग के अधिकारियों ने 2024 के मानसून में नम भूमि के जीर्णोद्धार के माध्यम से जल संरक्षण की योजना बनाई है। सर्वेक्षण और मानचित्रण के बाद विभाग को मानसून के अंत तक कम से कम 8 लाख करोड़ लीटर जल संरक्षण की उम्मीद है। ऐसे में दक्षिणी दिल्ली के वन क्षेत्रों में 10 प्रमुख नम भूमि की पहचान की है।

जल निकाय बनाने के लिए विभाग ने चार चरण में किया काम
रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2023 में पानी की कमी को देखते हुए प्रतिवादियों ने मैदान गढ़ी, साहूपुर और सतबारी के क्षेत्रों में 10 नए जल निकायों के निर्माण के लिए निर्णायक कार्रवाई की। उप वन संरक्षक (दक्षिण) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि किसी निश्चित स्थान पर जल निकाय बनाने का निर्णय कई प्रक्रिया के आधार पर लिया गया है। इसमें सबसे पहले दक्षिण वन प्रभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों ने क्षेत्र की जमीनी स्थिति का विश्लेषण किया।

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