एक बार फिर से बच्चों की सुरक्षा को लेकर परिजन हुए परेशान 

एक बार फिर से बच्चों की सुरक्षा को लेकर परिजन हुए परेशान 

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर और दिल्ली में हुए स्कूली वैन हादसे में 14 बच्चे अपनी जान गवां बैठे. वहीं कई बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए. इसके बाद एक बार फिर से बच्चों की सुरक्षा को लेकर चर्चा तेज हो गई है. स्कूल जाने वाले मासूम बच्चों को लेकर परिजनों को फिक्र और बढ़ गई है.एक बार फिर से बच्चों की सुरक्षा को लेकर परिजन हुए परेशान 

‘आजतक’ की टीम दिल्ली के कई स्कूलों में पहुंची जहां पर बच्चे छुट्टी होने के बाद स्कूल वैन या बस में सवार होकर घर जा रहे थे. कई जगहों पर परिजन भी अपने बच्चों को लेने आए थे, अधिकतर माता-पिता का कहना था कि वह बच्चों को स्कूल वैन में भेजते वक्त चिंता में रहते हैं कि उनका बच्चा सुरक्षित तो पहुंचेगा.

परिजनों के अलावा बच्चों ने भी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ड्राइवर गाड़ी काफी तेज रफ्तार से चलाते हैं और कई बार गलत दिशा में भी गाड़ी को मोड़ते देते हैं.

स्कूल की जिम्मेदारी हो तय 

अधिकतर परिजनों का कहना है कि आमतौर पर देखा जाता है कि स्कूल सिर्फ परिसर के भीतर बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेता है. ऐसे में स्कूल आते वक्त या छुट्टी होते वक्त बच्चे सड़क पार करके जाते हैं और सुरक्षा को लेकर लापरवाही देखी जाती है. ऐसे में स्कूल प्रशासन को स्कूल के गेट के बाहर भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर जागरूक होना पड़ेगा.

वैन में बुरी तरह भरे जाते हैं बच्चे!

‘आज तक’ के रियलिटी चेक में यह पाया गया कि 8 सीटों वाली स्कूल वैन में क्षमता से अधिक बच्चे भरे जाते हैं. कई वैन में तो 12 से 14 बच्चे तक नजर आए. सुरक्षा को लेकर लापरवाही इतनी ज्यादा है कि बच्चों को सीएनजी सिलेंडर के ऊपर तक बैठा दिया जाता है. स्कूल प्रशासन का कहना है कि यह वैन परिजनों ने खुद बाहर से लगवाई हैं ऐसे में इसके लिए स्कूल जिम्मेदार नहीं है.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com