गंभीर बीमारी से पीड़ित जयपुर के एक दिव्यांग बच्चे ने खास उपलब्धि हासिल की है। उन्हें भारत सरकार की ओर से बाल श्रेणी में उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए चुना गया है। व्हील चेयर के जरिए चलने को मजबूर 17 साल के हृदयेश्वर सिंह भाटी ने सात आविष्कार के साथ तीन पेटेंट अपने नाम करने के साथ-साथ कई पुरस्कार जीते हैं। वह ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नामक बीमारी से पीड़ित हैं।
उनके पिता सरोवर सिंह भाटी ने बताया कि गंभीर बीमारी के बावजूद ह्रदयेश्वर ने शतरंज के क्षेत्र में आविष्कार कर उसने दुनिया में देश का नाम ऊंचा किया है। उन्होंने पहली बार 2013 में 9 साल की उम्र में छह खिलाड़ियों की गोल शतरंज का आविष्कार किया और देश के सबसे कम उम्र के दिव्यांग पेटेंट धारक बन गए और दुनिया के सबसे कम उम्र के अलग-अलग पेटेंट धारक बन गए।