मायावती और अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि आने वाले विधानसभा उपचुनावों में दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव मैदान में उतरेंगी. गठबंधन की तीसरी सहयोगी पार्टी रालोद ने भी अकेले ही चुनाव मैदान में उतरने का मन बना लिया है. रालोद के हिस्से में तीन सीटें आई थीं और सभी तीनों सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. हालत ये रही कि अजीत सिंह और जयंत चौधरी भी अपनी सीटें नहीं बचा पाए.

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