उन्नाव गैंगरेप केस की जांच कर रही सीबीआई सोमवार को पीड़ित लड़की को लेकर लखनऊ कोर्ट में धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराने पहुंची. जज ने बंद कमरे में लड़की का बयान लिया है. यह बयान पूरी तरह से गोपनीय है. कोर्ट की कार्यवाही में उसको शामिल किया जाता है. आरोपी विधायक का नार्को टेस्ट हो सकता है.
पीड़ित परिवार का आरोप है कि कुलदीप सिंह सेंगर ने जानबूझकर परिवार को कोर्ट तक जाने से रोका है, ताकि पीड़िता के उम्र से संबंधित दस्तावेज कोर्ट में जमा न हो सके. परिवार का दावा है कि उनके पास पीड़िता की उम्र के संबंध में पुख्ता दस्तावेज हैं, वो उसे कोर्ट में पेश करना चाहते हैं.
उधर, सीबीआई सूत्रों के मुताबिक बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने अभी तक अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इंकार किया है. उन्होंने कहा है कि जिस दिन रेप की बात पीड़िता ने कही है, उस दिन वो उन्नाव में नहीं थे. उन्होंने सीबीआई को अपनी प्रोग्राम डायरी भी दी है.
कुलदीप सिंह सेंगर ने सोशल मीडिया जैसे फेसबुक और व्हाट्सऐप के जरिए भी आरोप की तारीखों के दौरान उनके कार्यक्रमों की फोटो और डिटेल इकट्ठा करने के लिए कहा है. इससे साफ हो सके कि वो उस दौरान कहां थे. सीबीआई दफ्तर में दो बार बीजेपी विधायक के वकील भी पहुंचे.
जानकारी के मुताबिक, कुलदीप सिंह सेंगर ने अपने क्षेत्र के लोगों को संदेश भिजवाया है कि आरोप लगने के पीरियड के दौरान वो जिस-जिस प्रोग्राम में गये हो, उनकी फोटो और कार्यक्रमों के सबूत मुहैया कराएं, जिससे कि उन पर लगे आरोपों की सच्चाई सिद्ध हो सके.
सीबीआई कुलदीप सिंह सेंगर को अब उन्नाव ले जाएगी. कुलदीप का सामना आरोपी शशी सिंह से भी कराया जायेगा. उनके मोबाइल कॉल डिटेल से तमाम उन लोगों से बातचीत के सबूत मिले हैं, जिनसे साबित होता है कि मारपीट के पहले और बाद में वो अपने भाई अतुल सेंगर के साथ संपर्क में थे.
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का नार्को टेस्ट भी करा सकती है. अभी तक कोर्ट में इसके लिए कोई अर्जी नहीं दी गई है. शुरूआती जांच में सीबीआई को माखी पुलिस और उन्नाव एसपी की लापरवाही के पुख्ता सबूत मिले हैं. एसओ माखी, सीओ और एसपी उन्नाव पर कार्यवाही हो सकती है.