उद्धव ठाकरे ने पिता और शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की बनाई हर दहलीज को लांघा। किंग मेकर रहने वाली शिवसेना से बेगर किंग शिवसेना प्रमुख बने। राज्य का मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हो गए और अंत में हाथ में कुछ नहीं आया। महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने उद्धव ठाकरे को लेकर इसी तरह की प्रतिक्रिया दी है। पाटील का कहना है कि सत्ता के लिए शिवसेना सबकुछ करने को तैयार हो गई थी।
शिवसेना को स्थापित करने के बाद बाल ठाकरे अपने निवास मातोश्री से विशेष स्थिति में ही निकलते थे। अपने आवास पर ही उन्होंने प्रधानमंत्री समेत राजनीतिक दलों के प्रमुखों से भेंट की थी। इतना ही नहीं, ठाकरे परिवार ने कभी चुनाव नहीं लड़ा। उनके परिवार से कोई विधायक, सांसद नहीं बना लेकिन राज्य में कई बार सरकार बनाई। शिवसैनिकों को मुख्यमंत्री बनाया। यह पहली बार हुआ है जब उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे ने विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीते। उद्धव ठाकरे सरकार बनाने के लिए मातोश्री से बाहर निकले और कांग्रेस, एनसीपी के नेताओं से भेंट की।
इतना ही नहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार की घोषणा के मुताबिक मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हो गए। शिवसेना सांसद संजय राऊत ने भी इसकी पुष्टि की। वह कांग्रेस और भाजपा की शर्त पर एनडीए छोड़कर बाहर आए। उद्धव ठाकरे ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम, समन्वय समिति पर भी सहमति दी और अंत में मुख्यमंत्री भी नहीं बन पाए।