ईरान के बाद अब उत्तर कोरिया ने भी अमेरिका पर आंखें तरेरी हैं। उसने कहा है कि वह अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के आगे आत्मसमर्पण नहीं करेगा।
इसके साथ ही उसने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह उत्तर कोरियाई नेता को घुटनों पर लाने की कोशिश कर रहा है। इसके साथ ही उत्तर कोरिया ने अमेरिका को यह भी हिदायत दी कि उसकी संप्रभुता को रौंदने की कोशिश वह बर्दाश्त नहीं करेगा। उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यदि कोई उसकी संप्रभुता को रौंदने की कोशिश करेगा तो वह आत्मरक्षा के लिए सैन्य ताकत के इस्तेमाल से गुरेज नहीं करेगा। इसके साथ उसने अमेरिका पर शत्रुता बनाए रखने का भी आरोप लगाते हुए उन अमेरिकी रिपोर्टों का हवाला दिया जिनमें उत्तर कोरिया में मानव तस्करी और धार्मिक भेदभाव की बात कही गई है। यही नहीं उसने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो के उस बयान को रेखांकित किया है जिसमें उन्होंने उत्तर कोरियाई अर्थव्यवस्था के 80 फीसद से ज्यादा हिस्से पर प्रतिबंधों की बात कही है। उत्तर कोरिया ने विदेश मंत्रालय के बयान के हवाले से कहा है कि उक्त सभी घटनाक्रम प्रतिबंधों के जरिए देश को घुटनों के बल लाने के अमेरिकी सपने को दर्शाते हैं। अमेरिका का दबाव बिल्कुल भी नहीं बदला है बल्कि इसमें और इजाफा ही हुआ है। किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रंप के पत्रों के आदान-प्रदान के बावजूद उत्तर कोरिया के ताजा बयान ने यह बात साफ कर दी है कि वह अभी भी अमेरिका पर विश्वास नहीं कर पाया है।