पांचवीं विधानसभा के चुनावी मुकाबले में धुर विरोधी भाजपा के हाथों मिली हार का असर कांग्रेस पर तारी है। पार्टी ने न्योता मिलने के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनके मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह से दूरी बनाए रखी। हालांकि, प्रमुख प्रतिपक्षी पार्टी ने नई सरकार को शुभकामनाएं दी हैं।
उत्तराखंड में लगातार दूसरे चुनाव में कांग्रेस को भाजपा ने पटखनी दी है। दोनों ही चुनाव में मोदी मैजिक ने प्रदेश की सत्ता हासिल करने की कांग्रेस की उम्मीदों को पूरा नहीं होने दिया है। 2017 के चुनाव में कांग्रेस को प्रदेश में सिर्फ 11 सीट मिली थीं। इस बार चुनाव में सीटों की संख्या भले ही बढ़कर 19 हुईं, लेकिन हार का बड़ा अंतर पाटा नहीं जा सका। पांचवीं विधानसभा के चुनाव को जीतने के लिए प्रमुख विपक्षी पार्टी ने पूरी शक्ति झोंकी। चुनाव परिणाम ने कांग्रेस के सपने को ही तोड़ दिया।
हार के इस सदमे से कांग्रेस न तो उबर सकी है और न ही वैचारिक रूप से धुर विरोधी भाजपा को लेकर पार्टी की धारणा बदल सकी है। इसका असर शपथ ग्रहण समारोह को लेकर पार्टी के रवैये पर साफ दिखाई दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों के शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रण मिलने के बावजूद कांग्रेस नेता नहीं पहुंचे।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आमंत्रण मिलने की बात स्वीकार की। उन्होंने कहा कि वह स्वास्थ्य संबंधी कारणों से समारोह में शामिल नहीं हो पाए। हालांकि उन्होंने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से नई सरकार और उसके मंत्रियों को बधाई व शुभकामनाएं दीं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष व चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने शपथ ग्रहण समारोह का आमंत्रण पत्र मिलने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि वह किसी कारणवश समारोह में नहीं जा सके। नई सरकार को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को जनादेश मिला है। उम्मीद है कि भाजपा सरकार जनता से किए वायदों को निभाएगी।