हरिद्वार के परीक्षा केंद्र में खालिद के लिए साजिशन नीली कुर्सी रखी गई थी। इस नीली कुर्सी की कहानी में एसआईटी की जांच में कोई दम नहीं निकला। परीक्षा कक्ष में एक नहीं बल्कि दो नीली कुर्सियां थीं। पूरे स्कूल में ही दो प्रकार की नीली और काली कुर्सियां हैं जिन्हें सभी कक्षों में रखा गया था। किसी कक्ष में नीली कुर्सियां ज्यादा थी तो किसी में काली। ऐसे में जब तथ्य की जांच हुई तो ये कोई नीली कुर्सी का राज नहीं बल्कि एक सामान्य व्यवस्था ही लगी।
दरअसल, इस मामले में खालिद को लेकर कई कहानियां चल रही हैं। तमाम तरह की इन कहानियों के आधार पर आरोपों का दौर जारी है। इन सभी कहानियों और आरोपों को एसआईटी ने भी अपनी जांच में शामिल किया है। इन्हीं में से एक आरोप था कि खालिद को परीक्षा कक्ष में एक साजिश के तहत नकल करने की छूट थी। वह एक निर्धारित स्थान पर ही बैठे इसलिए कक्ष में एक अलग से नीली कुर्सी रखी गई थी। एसआईटी ने इस मामले में भी जांच की।टीम शनिवार को परीक्षा केंद्र पहुंची और कक्षाओं में कुर्सियों की स्थिति देखी। प्रबंधक और व्यवस्थापक से बात की गई।
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